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टोनी आलम, एएनएम न्यूज़: जामुड़िया सीपीआई-एम पश्चिम लोकल कमेटी की सभी शाखाओं, पार्टी कार्यालयों और फैक्ट्री गेटों पर ऐतिहासिक विश्व मजदूर दिवस श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया। जामुड़िया बाजार के सिनेमा मोड़ पर सीआईटीयू नेता तापस कवि, एरिया कमेटी सचिव सुमित कवि और बाजार शाखा सचिव विकास यादव के नेतृत्व में मजदूर दिवस मनाया गया। राजपुर नंदी में लोकल कमेटी सदस्य सुभाशीष बनर्जी के नेतृत्व में मजदूर दिवस मनाया गया। चांदीपुर शाखा में सीपीआई-एम नेता मनोज दत्ता और बुद्धदेव रजक के नेतृत्व में मजदूर दिवस मनाया गया।
उत्तरी सियारसौल शाखा में माकपा जिला कमेटी सदस्य एमडी कलीमुद्दीन और महेंद्र गोप के नेतृत्व में मजदूर दिवस मनाया गया। बीजापुर शाखा में डीवाईएफआई पश्चिम लोकल कमेटी सचिव अरुणाभ मुखर्जी के नेतृत्व में मजदूर दिवस मनाया गया। बेनाली शाखा में मानव मुखर्जी के नेतृत्व में मजदूर दिवस मनाया गया। शिवपुर शाखा में माकपा नेता सुबोध दास और शेख हैदर के नेतृत्व में मजदूर दिवस मनाया गया। परिहारपुर शाखा में माकपा नेता तापस कवि और अब्दुल कयूम के नेतृत्व में मजदूर दिवस मनाया गया। निंघा शाखा में माकपा नेता रामलखन यादव और विनय पासवान के नेतृत्व में मजदूर दिवस मनाया गया।
माकपा नेता मुकुल साधु के नेतृत्व में चांदा शाखा में मजदूर दिवस मनाया गया। माकपा नेता बादल कर्मकार और बिपद कर्मकार के नेतृत्व में बोगदा शाखा में मजदूर दिवस मनाया गया। माकपा नेता सुमित कवि के नेतृत्व में जामुड़िया गांव शाखा में मजदूर दिवस मनाया गया। माकपा नेता दिलीप बाउरी और प्रदीप बाउरी के नेतृत्व में अखलपुर-मंडलपुर शाखा में मजदूर दिवस मनाया गया। इसके साथ ही सभी कारखानों में सीटू नेताओं द्वारा मजदूर दिवस मनाया गया।
जामुड़िया सिनेमा मोड़ पर सुबह से ही महेंद्र कपूर के दो गाने बज रहे थे, हम मेहनतकश जब दुनिया से अपना हिसा मांगे और मजदूर को नारा है झंडा लाल हमारा है। सीटू नेता तापस कवि ने सिनेमा मोड़ पर लाल झंडा फहराया और शहीद वेदी पर माल्यार्पण कर मजदूर आंदोलन के शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
इस अवसर पर तपस कवि ने कहा कि मजदूर दिवस मनाने का उद्देश्य श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा करना, उनके योगदान का सम्मान करना और बेहतर कार्य वातावरण प्रदान करना है। इस दिवस की शुरुआत 19वीं सदी में अमेरिका के शिकागो शहर से हुई थी। जब श्रमिकों से 12 से 16 घंटे तक काम कराया जाता था, वह भी बिना किसी छुट्टी या सुविधा के। इस अमानवीय शोषण के खिलाफ ही शिकागो शहर के मजदूरों ने वर्ष 1886 में विद्रोह किया था।
विकास यादव ने कहा कि कोई भी देश तभी तरक्की कर सकता है जब उसकी नींव मजबूत हो और यह नींव हमारे मजदूर तैयार करते हैं। चाहे वो सड़क बनाने वाले लोग हों, भवन निर्माण में लगे लोग हों, खेतों में पसीना बहाते किसान हों, फैक्ट्रियों में दिन-रात काम करने वाले मजदूर हों या छोटे दुकानदार और सफाई कर्मचारी हों- हर मजदूर अपने-अपने स्तर पर समाज को आगे बढ़ाने में लगा हुआ है। इसलिए हम सबका पहला कर्तव्य मजदूरों का सम्मान करना होना चाहिए। इस मौके पर भरत पासवान, शंकर रवानी, सुभाशीष बनर्जी, प्रेम शंकर खरवार, शमशेर सिद्दीकी आदि मौजूद थे।