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E-tender for Rupnarayanpur toll plaza
राहुल तिवारी, एएनएम न्यूज़ : रूपनारायणपुर इलाके में जामताड़ा सड़क पर स्थिति जिलापरिषद की रूपनारायणपुर टोल टैक्स के टेंडर होने से पहले राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की लैटर से हड़कम्प मच गया है। सनद रहे करीब जामताड़ा जाने वाली सड़क पर मात्र 800 मीटर सड़क के नाम जिला परिषद द्वारा टोल टैक्स स्थापित किया गया था जो बर्तमान में चालू है और लम्बे समय से टेंडर के बिना ही एक ही एजेंसी द्वारा संचालित किया जा रहा है। जिससे भ्र्ष्टाचार एवं अन्य कई आरोप लग चुके है और मामले में कई ज्ञापन भी दिया जा चुका है। जिसके बाद जिला परिषद ने उक्त टोल का टेंडर की प्रक्रिया शुरू करने की बात कही। हालांकि ज्ञात हो कि सड़क बीते साल से ही राष्ट्रीय राज्यमार्ग को सौंप दिया गया था। जिसके तहत सड़क का जोड़िकरण एवं सड़क को नये सिरे से आयाम दिया जाना है जो लम्बे समय से प्रक्रिया में फसी हुई है। वही जिला परिषद द्वारा टेंडर की घोषण की गई उससे ठीक पहले राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण का एक पत्र आया जिससे टेंडर लेने वालों में हड़कम्प मच गया।
हालांकि, पश्चिम बर्दवान जिला परिषद सभाधिपति विश्वनाथ बाउरी ने अपना संयम बनाए रखा और कहा, "टेंडर तो होगा ही!" लेकिन सवाल यह है कि क्या इस पत्र के कारण टेंडर लेने वाला परेशान नही होगा? मामले को गहनता से समझने की कोशिश करते है। बताया जा रहा है कि उक्त टोल का ई-टेंडर 20 जून से शुरू हो रहा है, जक 25 जून तक चलेगा। टेंडर भरने को लेकर छह एजेंसी मैदान में है।
लेकिन इसी बीच पीडब्ल्यूडी निदेशालय के कार्यकारी अभियंता द्वारा भेजा गया 10 जून का पत्र सभी को चोंका दिया है। पत्र में कहा गया था कि चित्तरंजन मोड़ से रूपनारायणपुर होते हुए झारखंड के गोविंदपुर जाने वाली मुख्य राष्ट्रीय राजमार्ग 19 , चोरांगी तक सड़क को टू-लेन बनाया जायेगा। यहां तक कि इस सड़क का नाम भी बदला जा रहा है- जो एनएचआई 419 हो जाएगा। वही पूरे परियोजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) बनाने का काम भी शुरू हो गया है। जिसके तहत बीते साल अगस्त माह में जनसुनवाई हुई थी। और सड़क को चौड़ा करने का कार्य भी तत्काल शुरू हो सकती है।
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा इस सड़क पर पानी की पाइप, गैस लाइन, बिजली के खंभे या केबल बिछाने की इजाजत नहीं देगा। अगर ऐसा है तो टोल टैक्स का टेंडर लेने वाले नए ठेकेदार को अपने खर्च पर कार्यालय, काउंटर , कर्मचारियों के लिए आवास एवं व्यवस्था करनी पड़ेगी। अब सवाल यह है कि अगर सड़क चौडीकरण होगी तो टोल प्लाजा को तोड़ना पड़ेगा, तो इतना खर्च करके यह सब कौन बनाएगा? अगर छह महीने बाद सड़क का काम शुरू हुआ, तो इस नए टोल टेंडर का क्या होगा? पूरे मामले में कई सवाल है जिसका जवाब नही मिल रहा है।
वही सभाधिपति बिश्वनाथ बाउरी ने साफ कर दिया है, "टेंडर तो होगा, लेकिन सिर्फ एक साल के लिए। अगर नेशनल हाईवे अथॉरिटी ने छह महीने के अंदर काम शुरू कर दिया, तो टेंडर रद्द हो जाएगा।"
इस वक्तव्य के बाद टेंडर अब जुए के खेल लग रहा है!
वही पूरे प्रकरण पर नजर डाले तो मात्र 800 मीटर पर लिये जा रहे टोल अगर बंद हो गया तो जिला परिषद को भारी नुकसान हो जायेगा। वही जिस सड़क के नाम पर टोल वसूले जा रहे है वही सड़क टोल के समीप जर्जर हालत में है जिसे देख साफ लगेगा कि टोल तो लिया जा रहा है पर सड़क की मरम्मत नही कराया जा रहा है।
दूसरी तरफ राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की योजना सुनकर ऐसा लगता है कि अगर रूपनारायणपुर में सड़क टू-लेन हो जाए तो यातायात काफी सुगम हो जाएगा। जिला परिषद भी इससे खुश है, क्योंकि उनके सहयोग के बिना काम आगे नहीं बढ़ पाएगा। लेकिन इन सबके बीच आम लोगों के मन में एक ही सवाल है- टोल टैक्स का यह ड्रामा कब खत्म होगा?