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Janmashtami Puja
एएनएम न्यूज, ब्यूरो : हिंदू परिवार (Hindu families) जन्माष्टमी के अवसर पर पूजा की तैयारी में व्यस्त हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि किस समय पूजा करने से शुभ फल मिलता है? हिंदुओं का मानना है कि जन्माष्टमी के दिन दोपहर 12 बजे भगवान कृष्ण का जन्म मनाने से जीवन में सफलता मिलती है। जन्माष्टमी के दिन व्रत रखा जाता है और विशेष पूजा की जाती है। जिस तरह आधी रात को लड्डूगोपाल (Laddu gopal) की पूजा करने से सुख-समृद्धि आती है, वहीं धन की कभी कमी नहीं होती है।जन्माष्टमी पर बाल कृष्ण यानी गोपाल की पूजा की जाती है। उनकी मूर्ति या तस्वीर के बिना पूजा संभव नहीं है। आसन, रोली, सिन्दूर, बादाम, सुपारी, फूल माला, कमलगट्टा, पीला वस्त्र, केले के पत्ते भी चाहिए। कुश और दुर्बा, पंचमेब, गंगा जल, शहद, चीनी, तुलसी के पत्ते, शुद्ध घी, दही, दूध, मौसमी फल, सुगंधित, पंचामृत, फूल। कुमकुम, अक्षत, गहना, मोली, तुला, तुलसी की माला, धनिया, अबीर, गुलाल , मिका, हल्दी, सप्तमृतिका, सप्तधान, झूला। अभिषेक के लिए प्रसाद या मिठाई, छोटी इलायची, लौंग, अगरबत्ती, कपूर, केसर, चंदन, मक्खन, मिश्री, घड़ा, दीपक, धूप, नारियल, तांबे या चांदी का बर्तन। इसके अलावा मोर पंख, बांसुरी, गाय की मूर्ति, बैजयंती की माला, लाल कपड़ा, तुलसी के पत्ते, आभूषण, मोटा मुकुट, खीरे, गणेश को चढ़ाने के लिए कपड़े, अंबिका को चढ़ाने के लिए कपड़े की जरूरत होगी।