पिठाकेयारी अस्पताल में पंखा खराब, पेड़ के नीचे चिकित्सा सेवाएं शुरू

प्रखंड के पिठाकेयारी अस्पताल में मंगलवार सुबह पेड़ के नीचे मरीजों का इलाज होते देख सब हैरान रह गये। इतने बड़े अस्पताल में मरीजों का उपचार खुले में यह सब के जहन में घूमने लगा।

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Jagganath Mondal
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Pithakeyari Hospital

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राहुल तिवारी, एएनएम न्यूज़ : प्रखंड के पिठाकेयारी अस्पताल में मंगलवार सुबह पेड़ के नीचे मरीजों का इलाज होते देख सब हैरान रह गये। इतने बड़े अस्पताल में मरीजों का उपचार खुले में यह सब के जहन में घूमने लगा। बता दे टीबी रोग निवारण विभाग का बिजली का पंखा बीते 17 जुलाई से खराब होने के बाद भी मरम्मत ना होने पर मरीजों की असुविधा को ध्यान में रख टीबी, एचआईवी एवं सिलिकोसिस के वरिष्ठ उपचार पर्यवेक्षक रक्तिम दे मंगलवार अस्पताल परिषर में ही एक पेड़ की छाया में मरीजों का इलाज एवं दवाइयाँ देने बैठ गये। 

जानकारी के अनुसार पंखा के खराब होने से गर्मी और उमस के कारण टीबी रोग के मरीज को कमरे में सांस लेने में हो रही तकलीफ को देख उन्होंने ने पेड़ के नीचे शरण ली। रक्तिम दे बताया कि प्रखंड स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. विनय रॉय के समक्ष कई बार समस्या की जानकारी दी गई, लेकिन कोई निष्कर्ष ना मिलने पर मरीजों को हो रही तकलीफ को देख पेड़ के नीचे शरण ली। हालांकि मंगलवार दोपहर पंखों की मरम्मत कर दी गई।

वही मामले में राज्य स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के एक नेता ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, "बड़े-बड़े अधिकारी एसी-पंखों की हवा में आराम से काम करते हैं, लेकिन आम कर्मचारियों की परेशानियों की तरफ़ मुड़कर भी नहीं देखते। अगर ऐसा ही चलता रहा, तो स्वास्थ्य सेवाएँ चरमरा जाएँगी!" 

वही पीठाकियारी का यह 'ट्रीहाउस ट्रीटमेंट' स्वास्थ्य व्यवस्था पर तीखा व्यंग्य है। सवाल उठता है कि पंखों की मरम्मत में इतनी देरी क्यों हो रही है? या पेड़ों की छाँव ही अब अस्पताल का नया पता है?