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राहुल तिवारी, एएनएम न्यूज़: आसनसोल-चित्तरंजन मार्ग पर देन्दुआ मोर पर बीते कुछ महीनों से लग रहे यातायात जाम की समस्या का स्थायी समाधान तलाषने को लेकर सालानपुर बीडीओ कार्यालय में एक बहुत ही महत्वपूर्ण बैठक हुई। सालानपुर बीडीओ देबांजन बिस्वास की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (ईसीएल), स्थानीय प्रशासन, पुलिस विभाग और राजनीतिक नेताओं के इलाके के प्रतिनिधियों समेत अन्य मौजूद रहे। बैठक में ईसीएल बनजेमिहारी ओसीपी के एजेंट दिनेश प्रसाद, कोलियरी सुरक्षा अधिकारी, सीतारामपुर आरपीएफ अधिकारी, पश्चिम बर्दवान जिला परिषद कर्माध्यक्ष मोहम्मद अरमान, सालानपुर पंचायत समिति अध्यक्ष कैलाशपति मंडल, उपाध्यक्ष विद्युत मिश्रा, तृणमूल कांग्रेस नेता मुकुल उपाध्याय, एसीपी( ट्रफिक 1) सौरभ चौधरी, सालानपुर थाना प्रभारी अमित कुमार हाटी, कुल्टी ट्रैफिक अधिकारी चिन्मय मंडल, कल्याणेश्वरी फाड़ी के प्रभारी लालटू पाखिरा, सालानपुर ब्लॉक तृणमूल कांग्रेस के उपाध्यक्ष भोला सिंह और देंदुआ पंचायत प्रधान सुप्रकाश माझी, फुचू बाउरी समेत अन्य पंचायत के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
बैठक में जाम के निवारण को लेकर विस्तृत चर्चा से पता चला कि जाम का मुख्य कारण ईसीएल के कोयले का परिवहन करने वाले भारी डंपर, एवं स्थानीय उधोगों को जाने वाले ट्रकों और ट्रेलरों की निरंतर आवाजाही से जाम की सृष्टि हो रही हैं। इसी स्थिति से निपटने के लिए बैठक में कई प्रभावी प्रस्ताव रखे गये।
बैठक में प्रशासन ने प्रस्तव दिया कि ईसीएल को ट्रांसपोर्ट में चलने वाले वाहनों को सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक प्रतिबंधित करने कर दिया जाये। साथ ही अन्य भारी वाहनों पर भी दिन में प्रवेश पर रोक रहे जिससे जाम से लोगो को राहत मिलेगी। और यातायात पुलिस द्वारा इस नियम का सख्ती से पालन कराया जाये। साथ ही देन्दुआ, कल्याणेश्वरी औद्योगिक क्षेत्र में स्थित मुख्य कारखानों से मालवाहक ट्रकों को कल्याणेश्वरी के रास्ते राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्देशित करने का निर्णय लिया गया।
बैठक में ईसीएल के कोयला वाहनों पर दिन के समय लगाये गये प्रतिबंध पर सहमति के बाद ईसीएल को मामले निर्णय लेने के लिये 7 दिनों तक का समय दिया गया। बैठक के प्रशासनिक एवं राजनीतिक दोनों स्तरों से यह स्पष्ट रूप से घोषित किया गया है कि 7 दिनों के बाद ईसीएल के कोयला वाहनों की आवाजाही स्वीकार नहीं की जाएगी।
बैठक में तृणमूल नेता मुकुल उपाध्याय ने देंदुआ में यातायात जाम को सालानपुर प्रखंड की सबसे बड़ी समस्या है जिसका समाधान करना अति आवश्यक है। इसलिए सब की सहमति से स्थायी कदम उठाना आवश्यक है। उन्होंने बैठक में ईसीएल को डालमिया नये रेल साइडिंग को सीधे धुंधाबाद खुदका होते हुए राष्ट्रीय राज्यमार्ग से जोड़ने के सुझावा दिया। जिससे जाम से साथ ही भारी वाहनों से हमेशा के लिये देन्दुआ को छुटकारा मिल जाये।
वही ईसीएल प्रबंधन प्रतिनिधि दिनेश प्रसाद ने मामले में उच्च अधिकारियों से वार्ता कर शीघ्र मामले में निर्णय लेने का आश्वासन दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि यदि दिन के दौरान परिवहन रोक दिया जाता है, तो कोयला उत्पादन लक्ष्य में कमी आ सकती है। जिसको बीडीओ देबांजन विश्वास ने खारिज कर दिया और आम जनता के हितों को प्राथमिकता देने की बात कही।
वही चर्चा में सामने आया कि वर्तमान में प्रतिदिन करीब 600 कोयला लदे डंपर देन्दुआ मोर से गुजरते हैं। कुछ दिनों में यह संख्या हजारों तक पहुंच सकती है क्योंकि चालू वित्त वर्ष में ईसीएल का कोयला उत्पादन लक्ष्य लगभग दोगुना हो गया है। जबकि आसनसोल-चित्तरंजन सड़क के लिए इतनी बड़ी संख्या में वाहनों का दबाव सह पाना मुश्किल है। मालूम हो कि सालानपुर ईसीएल क्षेत्र के विभिन्न कोलियरियों से निकले कोयले को बनजेमिहारी के सेंट्रल रेल साइडिंग में जमा कर दिए जहाँ से रेल वगनो द्वारा1 देश के विभिन्न बड़े उधोग एवं तापविद्युत केंद्रों में भेजा जाता है। बैठक में ईसीएल के कोयला ट्रांसपोर्ट करने के लिये अन्य वैकल्पिक मार्ग बनाने के प्रस्ताव को शीघ्र लागू करने के लिए ईसीएल पर दबाव डाला गया।
बैठक के बाद मोहम्मद अरमान ने बैठक के परिणाम के प्रति आशा व्यक्त की और कहा कि बैठक सफल रहा। विधायक विधान उपाध्याय ने इस समस्या के समाधान के लिए कार्रवाई करने का सुझाव दिया था। देन्दुआ में यातायात जाम से मुक्ति ईसीएल द्वारा उठाए गए अगले कदमों पर निर्भर करता है। वैकल्पिक मार्ग बनाने की यह पहल इस क्षेत्र में संचार व्यवस्था को सुविधाजनक और सामान्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।