एएनएम न्यूज़, ब्यूरो : तृणमूल वर्कर्स ऑर्गेनाइजेशन की कोर कमेटी का नाम तो नहीं है, लेकिन दुर्गापुर स्टील फैक्ट्री के अधिकारियों को भर्ती सूची देने वाले वर्कर्स ऑर्गेनाइजेशन के नेता के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। उन्हें मुंह चिढ़ाने के लिए तैयार रहना चाहिए। दुर्गापुर स्टील फैक्ट्री के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद तृणमूल वर्कर्स ऑर्गेनाइजेशन के प्रदेश अध्यक्ष रीताब्रत बनर्जी ने चेतावनी दी। इतने लंबे समय से दुर्गापुर स्टील फैक्ट्री में पैसे के बदले नौकरी देने वालों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी?
अगर उनके खिलाफ जल्द कार्रवाई नहीं की गई तो भाजपा ने आंदोलन की राह पर चलने की चेतावनी दी है। तृणमूल श्रमिक संगठन के प्रदेश अध्यक्ष रीताब्रत बनर्जी ने कहा, भ्रष्टाचार को रोकने के लिए तृणमूल श्रमिक संगठन (आईएनटीटीयूसी) सख्त कदम उठा रहा है। नियुक्तियां करेंगे कारखाना अधिकारी। तृणमूल श्रमिक संगठन वहां कोई दखलंदाजी नहीं कर पाएगा। फिर भी कुछ नेता विभिन्न कारखानों को नियुक्ति सूची दे रहे हैं। उस अनैतिक कृत्य को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पीएफ, ईएसआई मारने वाले, पे स्लिप नहीं देने वाले ठेकेदार के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी, अगर कोई नेता इसमें शामिल है तो उन्हें भी नहीं छोड़ा जायेगा। उनके खिलाफ आईएनटीटीयूसी के माध्यम से थाने में शिकायत दर्ज कराई जाएगी और पुलिस निश्चित रूप से कार्रवाई करेगी।
उन्होंने कहा, "मैं उन लोगों को चुनौती देना चाहता हूं जो दुर्गापुर स्टील फैक्ट्री और मिश्रा स्टील फैक्ट्री में बायोमेट्रिक्स लागू नहीं होने दे रहे हैं और कहना चाहता हूं कि हम उन्हें ऐसा करने देंगे।" उन्होंने यह भी कहा, "तृणमूल श्रमिक संगठन द्वारा उपलब्ध कराए गए टोल-फ्री नंबर पर बहुत सारी शिकायतें आ रही हैं। उस टोल-फ्री नंबर के माध्यम से कई राजनेताओं का चरित्र खुलासा हो रही है।" शनिवार दोपहर को तृणमूल सांसद कीर्ति आजाद, पंचायत, ग्रामीण विकास एवं सहकारिता मंत्री प्रदीप मजूमदार और तृणमूल श्रमिक संगठन के प्रदेश अध्यक्ष रीताब्रत बनर्जी ने दुर्गापुर हाउस में दुर्गापुर स्टील फैक्ट्री के अधिकारियों के साथ बैठक की।
भाजपा जिला उपाध्यक्ष चंद्रशेखर बनर्जी ने कटाक्ष करते हुए कहा कई तृणमूल नेताओं द्वारा लाखों रुपये के बदले दुर्गापुर स्टील फैक्ट्री में काम दिए गए है, साथ ही चंद्रशेखर बनर्जी ने कहा "मंत्री और सांसद कहते हैं कि पोर्टल के माध्यम से भर्ती की जाएगी। लेकिन इतने लंबे समय से तृणमूल ठेका श्रमिक संगठन के नेता लाखों रुपये के बदले ठेका श्रमिकों को काम देते आ रहे हैं। उन परिवारों का भविष्य क्या होगा? उन नेताओं के खिलाफ जल्द कार्रवाई होनी चाहिए। अन्यथा हम बड़े आंदोलन की राह पर चलेंगे।"