/anm-hindi/media/media_files/2025/07/04/fake-police-0407-2025-07-04-15-12-10.jpg)
Police arrested fake police in Gaighata
एएनएम न्यूज़, ब्यूरो : गायघाटा के अंकित घोष पुलिस की वर्दी पहनकर और सीना फुलाकर घूमते थे। मोहल्ले में सभी जानते थे कि वह पुलिस कांस्टेबल है और विकास भवन में तैनात है। घर पर वह गर्व से कहता था, "मैं ड्यूटी पर जा रहा हूँ!"
लेकिन हकीकत एक भयानक झूठ थी। एक साल तक एक नकली पुलिस अधिकारी पूरे मोहल्ले, परिवार और यहां तक कि सोशल मीडिया को भी बेवकूफ बना रहा था! आखिरकार फर्जी कांस्टेबल अंकित पुलिस के जाल में फंस ही गया। गायघाटा थाने की पुलिस ने उसके घर से फर्जी वर्दी, नेम प्लेट और कई तरह के पुलिस के कपड़े और फर्जी दस्तावेज बरामद कर जब्त कर लिए।
हालांकि, शुरू में उसने ऊंची आवाज में खुद को कांस्टेबल बताया, लेकिन जब पुलिस ने उससे पूछताछ शुरू की और उससे उसका असली पहचान पत्र और दस्तावेज दिखाने को कहा तो "मैं ड्यूटी पर जा रहा हूं" कहने वाला अंकित ने घुटने टेक दिए।
परिवार को भी यह पता था कि लड़के को पुलिस की नौकरी मिल गई है। उनके आश्चर्य की बात यह थी कि लड़के को न केवल नौकरी नहीं मिली, बल्कि वह एक साल तक छद्मवेश में अभिनय करता रहा! पुलिस सूत्रों के अनुसार अंकित ने नौकरी के लिए परीक्षा दी थी, लेकिन वह पास नहीं हो सका। फिर भी उसने पुलिस की वर्दी बनाकर एक जीवंत नाटक शुरू किया - जो अंततः पुलिस के हाथों में आ गया।
फर्जी पहचान, धोखाधड़ी और आत्म-प्रचार - यह सब मंगलवार को उजागर हुआ। अदालत तय करेगी कि आगे क्या होता है। लेकिन सवाल यह है कि क्या इतने दिन तक किसी को समझ में नहीं आया? क्या कोई इतनी आसानी से पुलिस अधिकारी होने का नाटक कर सकता है? क्या यह सबसे भयावह सच्चाई नहीं है ?