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राहुल तिवारी, एएनएम न्यूज़ : क्षेत्र का गौरव रहा हिंदुस्तान कैबल्स भले ही आज बन्द और इतिहास बन गया है लार हिंदुस्तान कैबल्स के खाली पड़े 947 भूमि पर भारी उधोग मंत्रालय की पैनी नजर है और लगातार यह प्रयाश किया जा रहा हर की क्षेत्र में विकल्पों के साधन मिले। बता दे पहले सीआरपीएफ फिर सीआईएसएफ अधिकारियों के दौरे के बाद मंगलवार अर्धसैनिक बलों में से एक सशस्त्र सीमा बल के 63 बटालियन बारासात के डिप्टी कमांडेंट राजेश कुमार कुजूर अपने अधीनस्थ अधिकारियों के साथ हिंदुस्तान केबल्स क्षेत्र का दौरा करने पहुँचे।
जानकारी के अनुसार मौके पर पहुँचे डिप्टी कमांडेंट राजेश कुमार कुजूर ने लंबे समय से बंद पड़े कारखाना क्षेत्र, जलाशयों, प्रशासनिक भवन, न्यू कॉलोनी और केबल्स के विभिन्न क्षेत्रों समेत क्वार्टर, श्रमिक मंच, अपर केशिया, स्कूल भवन, लोअर केशिया एवं शालीमार शेड के आगे अजय नदी के तट तक का निरीक्षण किया। साथ ही हिंदुस्तान कैबल्स के अधिकारी आर एन ओझा के साथ करीब एक घण्टे तक बैठक और हिंदुस्तान केबल्स के बारे में तमाम जानकारियां जुटाईं।
सनद रहे कि केंद्रीय भारी उद्योग मंत्रालय के आह्वान और केंद्रीय गृह विभाग की अनुमति से हिंदुस्तान केबल्स के खाली पड़े स्थान पर विकल्पों की तलाश की जा रही है। इस बात की प्रबल संभावना है कि यहां 947 एकड़ भूमि पर अर्धसैनिक बलों के कई विभाग संयुक्त रूप से अपने स्थायी कैंप, प्रशिक्षण कैंप और अन्य बुनियादी ढांचे स्थापित कर सकते हैं। दौरे के बाद अधिकारियों द्वारा गृह मंत्रालय को अपनी निरीक्षण रिपोर्ट भेजेंगे। दूसरी ओर, सीआरपीएफ और सीआईएसएफ ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट पहले ही दिल्ली भेज दी है। यह भी कहा जा रहा है कि अर्धसैनिक बलों की अलग-अलग इकाइयों को हिंदुस्तान कैबल्स का जमीन दी जाएगी, ताकि संगठन एक ही तरह के हों। आज का निरीक्षण सिर्फ रूटीन था या एसएसबी वाकई किसी खास मकसद से यहां आई थी, इस पर इलाके में चर्चा तेज हो गई है।
निरीक्षण के बाद हिंदुस्तान केबल्स के प्रभारी अधिकारी आरएन ओझा ने कहा कि उन्होंने उनसे जो भी जानकारी मांगी, वह उन्हें इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट दोनों ही तरह से दे दी है। वे इस जगह का पूरा नक्शा लेकर गए हैं, कहां-कहां अतिक्रमण है, घरों की क्या स्थिति है, सभी खाली पड़े खेतों, जल निकायों के साथ अन्य इमारतों की जानकारी ली है।
वही अधिकारियों के दौरे के बाद हिंदुस्तान केबल्स पूर्णवशन समिति नेता सुभाष महाजन, जो शुरू से ही विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन करते आ रहे है। उन्होंने कहा कि सिर्फ निरीक्षण नही बल्कि कुछ परिणाम भी मिलना चाहिए। उसके पूर्व केबल्स के पूर्व कर्मचारियों को लीज पर आवास दिए जाएं और स्थानीय लोगों को रोजगार दी जाए।