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cow smuggling
राहुल तिवारी, एएनएम न्यूज़ : राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-19 यूं तो दिल्ली को कोलकाता से जोड़ती है, किन्तु इस राजमार्ग ने कई अवैध कारोबार और तस्करों का तार भी बंगाल से लेकर बिहार तक जोड़ रखा है। जिसमें शराब तस्करी से लेकर गाय तस्करी का सबसे बड़ा खेल है, जिससे प्रतिरात, करोड़ों रूपए की काली का बंदरबांट होता है।
यही कारण है की आँख वाले अंधे एमवीआई अधिकारियों को दुसरे ट्रकों में एक दो टन लदे ओवर लोड दिखाई तो दे देता है, किन्तु आंख पर लगी रिश्वत की पट्टी के कारण इन्हें गाय से लदा हुआ कंटेनर व ट्रक नहीं दिखता है, और रही बात पुलिस की तो आप अंधेरा होते ही सीमा पर पुलिस जवानों को देख कर समझ सकते है कि आलम क्या है।
गाय तस्करी का मुख्य सरगना मुन्ना डॉन उर्फ़ रिजवान कुरैशी बिहार के शेरघाटी से पूरा सिस्टम को संचालित कर रहा है, जिसका हैंडलर धनबाद का किसन और निरसा का शमशाद झारखण्ड का जिम्मेवारी को आका के निर्देश पर निभाता है, बंगाल पहुंचते ही ‘साधन’ और तिवारी कमान संभाल लेते है।
राजमार्ग पर अवैध गाय लदी वाहन शेरघाटी से डुमरी होते हुए बरही चौपारण के बाद गिरिडीह बरवाअड्डा- धनबाद से मैथन के बाद डिबूडीह बॉर्डर को पार कर बंगाल में प्रवेश करता है, जहाँ से सभी मवेशियों को बंगाल के पांडुआ हाट पहुंचा दिया जाता है, इसके बाद बांग्लादेश या कोलकाता तक का सफ़र तय होता है।
गाय तस्करी करने वाली ट्रक से लेकर कंटेनर तक को मानो तो स्पेशल प्रोटोकोल से गुजारा जाता है, किसी भी परिस्थिति में इन वाहनों को रोका नहीं जा सकता है। पश्चिम बंगाल में केन्द्रीय एजेंसी ने दर्जनों गिरफ्तारियां तो की लेकिन गौ-तस्करी के नेटवर्क को ध्वस्त करने में असफल रही है।
पिछले शनिवार की सुबह मैथन थाना क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग-19 पर आसनसोल की ओर जा रहे उपभोक्ता लदे ट्रक (केंटनर) संख्या बीआर-02 जीडी 0159 को गौ रक्षा दल ने जब्त कर मैथन पुलिस को सौंप दिया। इस मामले को लेकर मैथन थाना प्रभारी ने मीडिया को बताया कि कंटेनर में 41 मवेशी लदा हुआ था, जिसमे 27 गाय, 6 बैल, एवं 8 गाय का बछड़ा था। सभी मवेशियों को गंगा गौशाला कतरास भेज दिया गया है, वही इस मामले में गिरोह के सदस्य, कंटेनर मालिक और ड्राईवर के ऊपर मामला दर्ज किया गया है।
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