PHE ने कल्याणेश्वरी स्थित एक निजी होटल समेत कई अवैध कनेक्शन काटे

सालानपुर प्रखंड समेत कुल्टी एवं अन्य इलाके में पेयजल की समस्या से इलाके के लोग परेशान हे। और घर में जल स्वप्न परियोजना से नल का कनेक्शन लगने के बाद यह आस में है कि जल्द ही पेयजल मिलेगा लेकिन लम्बे समय के बाद भी पानी ना मिलने से कई शिकायत मिल रही हैं।

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Jagganath Mondal
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PHE cuts several illegal connections

राहुल तिवारी, एएनएम न्यूज़ : सालानपुर प्रखंड समेत कुल्टी एवं अन्य इलाके में पेयजल की समस्या से इलाके के लोग परेशान हे। और घर में जल स्वप्न परियोजना से नल का कनेक्शन लगने के बाद यह आस में है कि जल्द ही पेयजल मिलेगा लेकिन लम्बे समय के बाद भी पानी ना मिलने से कई शिकायत मिल रही हैं। वही इलाके में पीएचई की 30 इंची की मुख्य पाइप लाइन में कई अवैध कनेक्शन कर धड़ल्ले से पेयजल का उपयोग किया जा रहा हैं। शुक्रवार पीएचई विभाग की एक विशेष टीम ने अभियान चला कर कल्याणेश्वरी इलाके के एक निजी होटल बर्षा समेत समीप के एक बगान एवं खाली ज़मीन पर लिए गये कनेक्शन को काटा। अभियान के तहत कुल 8 से ज़्यादा अवैध पाइपलाइन कनेक्शन को काट गया।

जानकारी के अनुसार पीएचई विभाग की 30 इंच की मुख्य पानी की पाइपलाइन में पेशेवर तरीके से छेद कर अवैध कनेक्शन लिए गया था। और कई वर्षो से अवैध कनेक्शन के जरिए पानी का उपयोग किया जा रहा था। वही मौके पर पहुंचे अधिकारी से जब मामले में सवाल किया, तो उन्होंने अपना चेहरा छिपा लिया और बस इतना कहा, "यह अभियान सरकारी निर्देश पर चल रहा है।" यही नहीं पीएचई विभाग के कार्यकारी अभियंता रूपम घोष से जब अभियान के विषय में जानने के लिये फोन किया गया तो विषय के उन्होंने कुछ ना कहते हुए उच्च अधिकारियों से बात करने की बात कह फोन काट दिया।

जिससे यह सवाल उठ रहा हे कि आखिर अभियान को लेकर क्यों कुछ भी कहने से बच रहे हे अधिकारी? किसका भय है? और क्या इतने सालों से अवैध कनेक्शन की जानकारी नही थी अधिकारियों या सब जानकर भी अंजान बने थे!

हालांकि अभियान से एक तरफ अवैध कनेक्शन धारियों के हड़कंप है वहीं मामले में होटलें एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा अवैध कनेक्शन लेना गलत है। लेकिन पानी की बहुत ज़्यादा समस्या है, शायद इसीलिए लोग मजबूर होकर ऐसा कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि सरकार हमें वैध तरीके से पानी दे, ताकि सभी होटल व्यवसायियों को लाभ हो।"

वही घटना के बाद स्थानीय लोगों में गुस्सा और सवाल है कि क्या सिर्फ़ अवैध कनेक्शन काट देना ही काफी है? इन होटलों ने सालों तक अवैध तरीके से पानी उपयोग करके जो कारोबार किया है, उससे सरकार को राजस्व का नुकसान हुआ है और आम लोगों के हिस्से का पानी भी बरबाद हुआ है। उसका हिसाब नहीं होगा? क्या सिर्फ़ अभियान चलाकर ज़िम्मेदारी पूरी हो जाएगी? क्या इन होटलों के ख़िलाफ़ कोई कानूनी कार्यवाही नहीं होगा और दोषियों को सजा मिलेगी? यह भी सवाल उठ रहा है कि जब 30 इंच की मुख्य पाइपलाइन में छेद किया जा रहा था, तब पीएचई विभाग के अधिकारी कहा थे? किसकी मिलीभगत से यह संभव हुआ? क्या विभाग  के सहयोग से कनेक्शन हुआ है?

उक्त अभियान क्या भविष्य में भी जारी रहेगा और इलाके के कई कारखानों, होटलों एवं व्यवसाई केन्द्रों में लिऐ गये कनेक्शन को काटा जायेगा।