जीटी रोड पर भू धंसान, इलाके में दहशत, 85 फीट गहरे गड्ढे को भरने का कार्य शुरू

राष्ट्रीय राजमार्ग पर हाल ही में हुए भूस्खलन की घटनाओं के बाद अब जीटी रोड भी ऐसी ही स्थिति का सामना कर रहा है। कुल्टी के नबीनगर के पास एंथोनी मोड़ इलाके में जीटी रोड के किनारे एक बड़ा भूमि धंसान हुआ है, जिससे स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल है।

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Jagganath Mondal
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स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: राष्ट्रीय राजमार्ग पर हाल ही में हुए भूस्खलन की घटनाओं के बाद अब जीटी रोड भी ऐसी ही स्थिति का सामना कर रहा है। कुल्टी के नबीनगर के पास एंथोनी मोड़ इलाके में जीटी रोड के किनारे एक बड़ा भूमि धंसान हुआ है, जिससे स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल है।

बताया जा रहा है कि यह गड्ढा लगभग 85 फीट गहरा है। सोमवार से इस गड्ढे को भरने का काम शुरू कर दिया गया है। पीडब्ल्यूडी (लोक निर्माण विभाग) की टीम मौके पर पहुंची और भराई का कार्य शुरू किया।

इस दौरान आसनसोल नगर निगम के पूर्व एमएमआईसी मीर हाशिम भी मौके पर मौजूद थे। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र पुरानी खदानों का हिस्सा था, लेकिन ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (ईसीएल) की लापरवाही के कारण जब खदानें बंद कर दी गईं, तो उन्हें ठीक से बालू से नहीं भरा गया, जिससे इस तरह की घटनाएं घट रही हैं।

मीर हाशिम ने बताया कि यदि इस गड्ढे को जल्द और सही तरीके से नहीं भरा गया, तो यह और गहरा हो सकता है और आसपास के क्षेत्रों के लिए भी खतरा पैदा कर सकता है। उन्होंने कहा कि यह जिम्मेदारी ईसीएल की है, लेकिन उनकी निष्क्रियता के चलते अब पीडब्ल्यूडी को हस्तक्षेप करना पड़ रहा है। उन्होंने राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और पीडब्ल्यूडी को धन्यवाद देते हुए कहा कि वे लोगों की सुरक्षा को प्राथमिकता दे रहे हैं।

जब उनसे यह पूछा गया कि गड्ढे को राख (फ्लाई ऐश) से भरा जा रहा है, तो उन्होंने इसे अनुपयुक्त बताया। मीर हाशिम ने कहा, "राख भरने से कोई फायदा नहीं होगा। इस तरह की परिस्थितियों में बालू से भराई की जाती है। बरसात के मौसम में राख बहकर निकल जाएगी और समस्या बनी रहेगी।"