जमाई षष्ठी पर दामादों का होता है अच्छा सत्कार, धूमधाम से मनाया जाता है त्योहार

इसके अलावा कोई भी शुभ काम शुरू करने से पहले वह बंगाली मुंह मीठा कराना पसंद है। और दुर्गापुर का यह मशहूर मिष्ठान्न भंडार तरह-तरह की मिठाइयों के साथ नजर आया। जमाईशष्ठी के अवसर पर, जमाईशष्ठी सन्देश सहित विभिन्न प्रकार की मिठाइयों के साथ प्रकट हुई।

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Jagganath Mondal
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Jamai Shashthi

हरी घोष, एएनएम न्यूज़ : ज्येष्ठ माह के त्योहारों में से एक है जमाई षष्ठी। यह मूलतः बंगाल का त्यौहार है। जमाई षष्ठी बंगाल के घर-घर में मनाई जाती है। बंगालियों के पास पहले से ही 12 महीनों में 13 पर्बन होते हैं। जमाईशष्ठी मनाने की प्रथा प्राचीन काल से चली आ रही है। यह षष्ठी पूजा दामाद के कल्याण के लिए की जाती है। दुर्गापुर के बेनाचिति बाजार में फलों की दुकान में आम, कटहल, जैम, लीची समेत कई तरह के फल हैं। इसके अलावा, दोपहर के समय हिल्सा मछली, झींगा और विभिन्न प्रकार का मांस खाया जा सकता है।
इसके अलावा कोई भी शुभ काम शुरू करने से पहले वह बंगाली मुंह मीठा कराना पसंद है। और दुर्गापुर का यह मशहूर मिष्ठान्न भंडार तरह-तरह की मिठाइयों के साथ नजर आया। जमाईशष्ठी के अवसर पर, जमाईशष्ठी सन्देश सहित विभिन्न प्रकार की मिठाइयों के साथ प्रकट हुई। सुबह से ही भीड़भाड़ है।