तृणमूल, भाजपा और सीपीएम के बीच वाकयुद्ध (Video)

सीपीएम तृणमूल भाई भाई बीजेपी ने कटाक्ष किया है। इधर तृणमूल कटाक्ष करते हुए कहा लोग सीपीएम के दरवाजे तोड़कर बाहर आए हैं इस लिए यह कह रहा है।

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Jagganath Mondal
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War of words between TMC and BJP and CPM

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टोनी आलम, एएनएम न्यूज़ : 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले सभी पार्टियां अपने-अपने हाथ मजबूत करने में जुटी हुई हैं। यही कारण है कि बंगाल में सभी पार्टियां एक-दूसरे के खिलाफ टिप्पणी करती रहती हैं।

दुर्गापुर के सागरभांगा में वाममोर्चा सरकार के स्थापना दिवस समारोह में राज्य कमेटी के सदस्य शतरूप घोष ने टीएमसी पर टिप्पणी की, जिसके जवाब में राज्य के पंचायत, ग्रामीण विकास और सहकारिता मंत्री प्रदीप मजूमदार ने सीपीएम का मजाक उड़ाया। इस मुद्दे पर भाजपा विधायक लक्ष्मण घरुई ने दोनों पार्टियों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि सीपीएम और तृणमूल भाई-भाई हैं।

तृणमूल के 'पार्टी बदलने वाले' नेता और कार्यकर्ता जिन्होंने बुरे समय में सीपीएम के खिलाफ लड़ाई लड़ी, उन्हें तृणमूल में किनारे कर दिया गया है। सीपीएम राज्य समिति के सदस्य शतरूप घोष ने तृणमूल पर हमला करते हुए कहा कि तृणमूल में कोई भी उन ईमानदार और साहसी लोगों की परवाह नहीं करता है। उन वंचित तृणमूल कार्यकर्ताओं के साथ चाहते है शतरूप घोष। सीपीएम तृणमूल भाई भाई बीजेपी ने कटाक्ष किया है। इधर तृणमूल कटाक्ष करते हुए कहा लोग सीपीएम के दरवाजे तोड़कर बाहर आए हैं इस लिए यह कह रहा है।

दुर्गापुर के सागरभांगा में वाम मोर्चा सरकार के स्थापना दिवस समारोह में राज्य समिति के सदस्य शतरूप घोष सीपीएम के जिला नेताओं के साथ शामिल हुए। उन्होंने कहा, "जब राज्य में वाम फ्रंट सरकार सत्ता में थी, तब कई लोग तृणमूल कांग्रेस और भाजपा में शामिल थे। वे लोग को आज तृणमूल में किनारे कर दिया गया है।"

एक समय था जब वे सी.पी.एम. करते थे। बलात्कार के आरोप में सीपीएम से निकाला दिया गया, वे व्यक्ति आज तृणमूल का नेता है। आज वह आकर बताता है तृणमूल के किसे पैसा देना है और किसे नहीं देना है। हमारी सरकार के समय भी तृणमूल का समर्थन करने वाले लोग भी तृणमूल के कार्यकर्ता ही थे। हम भले ही उनसे सहमत न हों, लेकिन एक बात ध्यान में रखनी चाहिए। वे चाहे कुछ भी करें, वे हमेशा सत्ता में नहीं रहते। अगर ऐसा होता तो वे उस दिन भी हमारी सरकार के साथ होते। लेकिन वे विपक्ष में थे। क्योंकि उनके पास विपक्ष में रहने की ताकत और जज्बा है।

इसी तरह, तृणमूल में भी कई ईमानदार लोगों की कोई परवाह नहीं करता। आज के अच्छे दिनों की मधुमक्खियां जो दूसरी पार्टियों को छोड़कर आई हैं, तृणमूल के छत्ते से शहद खा रही हैं। बुरे समय में तृणमूल में शामिल कार्यकर्ताओं और नेताओं के लिए तृणमूल में कोई जगह नहीं है। हम उन सभी लोगों से कहते हैं कि आज हमारे राज्य में जो हो रहा है, आज देश में जो हो रहा है, वह ठीक नहीं है। अगर उन्हें वाकई लगता है कि हम जो इसके खिलाफ कह रहे हैं, वह उचित है, तो हम चाहते हैं कि आप लोग भी हमारे पक्ष में खड़े हों। "उस दिन की आपके विपक्षी कौशल की हमे आवश्यकता है।"

जवाब में राज्य के पंचायत, ग्राम विकास एवं सहकारिता मंत्री प्रदीप मजूमदार ने कहा, "वे शून्य पर पहुंच गए हैं। आपको अपनी पार्टी संभालनी चाहिए। आपको दरवाजा खोलने की जरूरत नहीं है, सभी लोग दरवाजा तोड़कर चले गए हैं। वे बार-बार शून्य पर पहुंच रहे हैं और फिर भी वे ऐसी बातें कहते रहते हैं।"

इधर भाजपा विधायक लक्ष्मण घरुई ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, "सीपीएम ने 34 साल तक बंगाल के उद्योग को नष्ट किया है। और अब तृणमूल बंगाल के उद्योग को नष्ट कर रही है। सीपीएम और तृणमूल भाई-भाई हैं। लोग अच्छी तरह समझ चुके हैं कि इस राज्य में असली विपक्ष कौन है।" इस राज्य में सत्ता में कौन आने वाला है? इसीलिए सीपीएम ऐसी बातें करके ऑक्सीजन लेने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘वास्तव में, भाजपा आने वाले दिनों में बंगाल में सत्ता में आने वाली है।’’