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Road Construction Irregularities
राहुल तिवारी, एएनएम न्यूज़ : सालानपुर एवं बाराबनी प्रखंड को जोड़ने वाली गौरंगडीह सड़क के नवीनीकरण कार्य में कथित अनियमितताओं को लेकर बीते बुधवार को सालानपुर के कुसुमकनाली इलाके में बड़े पैमाने पर ग्रामीणों की विरोध देखने को मिली। मालूम है कि 9 किलोमीटर से अधिक लंबी इस महत्वपूर्ण सड़क की मरम्मत पर जिला परिषद के डब्लूबीएसआरडीए कोष से करीब 5 करोड़ 32 लाख रुपयों की लागत से बनाया जा रहा था। सड़क मरम्मत के टेंडर बिधानचन्द्र मंडल एजेंसी को दिया गया। जिसका उद्घाटन आसनसोल नगर निगम मेयर सह बाराबनी विधायक बिधान उपाध्याय द्वारा बीते 26 फरवरी को किया गया था। वही कार्य की धीमी गति से हो रहे निर्माण से सड़क पर उड़ने वाली धूल से पहले ही ग्रामीण परेशान थे। ये आस में कई सड़क निर्माण के बाद उनको समस्या का सामना नही करना पड़ेगा लेकिन हाल ही में बिछाई गई सड़क पर पिच की परत इतनी पतली और घटिया निकली है कि स्थानीय लोग इसे हाथ से ही आसानी से उखाड़ पा रहे हैं। जिससे साफ हो गया कि सड़क के निर्माण में अनियमितता किया जा रहा है।
वही विरोध प्रदर्शन के दौरान मौके पर देखा गया कि सड़क से बिछाई गई पिच को हाथों से आसानी से उखाड़ा कर ग्रामीण दिखा रहे है। जिससे काम की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं।
पश्चिम बर्दवान जिला परिषद की पहल पर राज्य सरकार ने रूपनारायणपुर से गौरांगडी हाटतला तक इस 9 किलोमीटर 150 मीटर लंबी सड़क के जीर्णोद्धार के लिए धनराशि आवंटित की थी। कार्य बीते 26 फरवरी को शुरू हुआ था और इसके लिए एक वर्ष का समय निर्धारित किया गया था। यह परियोजना एसआरडीएफ फंड से प्राप्त धनराशि के तहत पश्चिम बंगाल ग्रामीण सड़क योजना में शामिल है।
वही स्थानीय लोगों का आरोप है कि सड़क पर पिच की अत्यंत पतली परत बिछाई जा रही है। उनका डर है कि भले ही ग्रामीण सड़क की भार वहन क्षमता 15 टन निर्धारित हो, लेकिन इस पर चलने वाले 40 से 45 टन वजनी भारी वाहनों के कारण घटिया निर्माण के चलते सड़क का स्थायित्व बहुत कम होगा। लोगों ने यह भी सवाल उठाया कि जब यह काम जिला परिषद की देखरेख में हो रहा है, तो इसे पूरी तरह ठेकेदार की मर्जी पर क्यों छोड़ दिया गया है और संबंधित सरकारी विभाग इसकी निगरानी क्यों नहीं कर रहे हैं।
विरोध प्रदर्शन और शिकायतों को देखते हुए, जिला परिषद के कर्मध्यक्ष मोहम्मदअरमान ने कहा कि पहले भी कुछ शिकायतों पर उन्होंने इंजीनियर को बुलाकर समस्या का समाधान करवाया था। आज की शिकायत पर ठेकेदार ने उन्हें बताया कि ठंड के कारण सड़क की पिच को जमने में चार से पांच दिन लगते हैं, जिसके बाद यह समस्या नहीं आएगी। उन्होंने यह भी कहा कि मरम्मत के बाद अगले पांच साल तक इस सड़क के रखरखाव की जिम्मेदारी संबंधित ठेकेदार की है। आश्वासन दिया कि वह स्वयं मामले की जांच के लिए दोबारा इलाके का दौरा करेंगे।
वहीं, पश्चिम बंगाल राज्य ग्रामीण विकास एजेंसी, पश्चिम बर्दवान डिवीजन के इंजीनियर सब्यसाची ओझा ने कहा कि वे इस सड़क पर पिच डालने में एक नई तकनीक का उपयोग करना चाहते हैं और यह सुनिश्चित करने के लिए जांच करेंगे कि कहीं कोई समस्या तो नहीं है। उन्होंने बताया कि स्थिति की जांच के लिए प्रभारी इंजीनियर को निर्देश दिया गया है, शुक्रवार इंजीनियर मौके पर जाकर जाँच करेंगे। तबतक कार्य बंद रखा गया है।
स्थानीय व्यक्ति ने निर्माण कार्य की निगरानी पर सवाल उठाते हुए कहा कि साइट इंजीनियर नियमित रूप से इसकी निगरानी क्यों नहीं कर रहे हैं। उन्होंने चिंता जताई कि घटिया काम सीधे तौर पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा का निष्कर्ष है। और सरकारी विभाग अपनी जिम्मेदारियों के प्रति उदासीन हैं। ग्रामीणों ने मांग की है कि गौरांगडी रोड के नवीनीकरण कार्य को तुरंत और ठीक से करवाया जाए ताकि सार्वजनिक धन का दुरुपयोग न हो और उन्हें जल्द ही एक टिकाऊ सड़क मिल सके।
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