आदिवासियों ने विभिन्न मांगों को लेकर सुबह से ही फैक्ट्री गेट के सामने दिया धरना

जामुड़िया औद्योगिक क्षेत्र के राजाराम डागा इलाके में स्थित टेक एआईसी फैक्ट्री में इलाके के बेरोजगार युवकों को रोजगार देने, इसके आसपास के ग्रामीणों के रास्तों पर पानी का छिड़काव करने, सीएसआर के तहत विभिन्न कार्य कराने

author-image
Jagganath Mondal
New Update
jamuria factory

टोनी आलम, एएनएम न्यूज़ : जामुड़िया औद्योगिक क्षेत्र के राजाराम डागा इलाके में स्थित टेक एआईसी फैक्ट्री में इलाके के बेरोजगार युवकों को रोजगार देने, इसके आसपास के ग्रामीणों के रास्तों पर पानी का छिड़काव करने, सीएसआर के तहत विभिन्न कार्य कराने, वेतन बढ़ोतरी करने और श्रमिकों से बारह घंटे की जगह आठ घंटे काम कराने की मांग को लेकर राजाराम डागा आदिवासियों ने आज सुबह से ही फैक्ट्री गेट के सामने धरना दिया। 

इस संबंध में सोमा नामक स्थानीय महिला ने बताया कि यहां एक फैक्ट्री बनी है। फैक्ट्री से निकलने वाले प्रदूषण के कारण यहां के लोगों को परेशानी होती है, लेकिन जब यहां के लोग इस इलाके के विकास के लिए फैक्ट्री प्रबंधन से कुछ मांग करते हैं तो उस मांग को नहीं सुना जाता है। फैक्ट्री यहां के लोगों को कोई सुविधा नहीं देती है, यहां तक ​​कि स्थानीय युवाओं को नौकरी भी नहीं दी जा रही है। यहां बाहरी लोगों से काम लिया जा रहा है, जबकि स्थानीय लोगों को फैक्ट्री का प्रदूषण झेलना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि स्थानीय लोगों की मांग है कि फैक्ट्री में 150 स्थानीय युवकों को नौकरी दी जाए, वेतन बढ़ाया जाए। इसके अलावा श्रमिकों से 12 घंटे काम कराया जाता है। 

उन्होंने कहा कि स्थानीय युवा यहां 12 घंटे क्यों काम करेंगे, उनसे नियमानुसार 8 घंटे काम लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज इन्हीं सब मुद्दों को लेकर प्रदर्शन किया गया। एक अन्य स्थानीय निवासी ने कहा कि जब फैक्ट्री लगाई जा रही थी, तब तत्कालीन महाप्रबंधक ने यहां के लोगों से वादा किया था कि फैक्ट्री प्रबंधन यहां विकास कार्य करवाएगा, लेकिन उनके जाने के बाद नए महाप्रबंधक द्वारा कोई भी कार्य नहीं करवाया जा रहा है। 

उन्होंने कहा कि ग्रामीणों की मांग है कि फैक्ट्री प्रबंधन यहां मंदिर बनाए, एंबुलेंस की व्यवस्था करे और फुटबॉल मैदान की मरम्मत करवाए। इसके साथ ही उन्होंने स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार की मांग की। उन्होंने कहा कि नए महाप्रबंधक को बार-बार बताया गया है कि तत्कालीन महाप्रबंधक के साथ समझौता हो गया था, लेकिन नए महाप्रबंधक का कहना है कि उन्हें इस बारे में कुछ भी पता नहीं है। उन्होंने कहा कि गांव के लोगों को फैक्ट्री प्रबंधन की ओर से कोई सुविधा नहीं मिल रही है, जिसके चलते आज यह प्रदर्शन किया जा रहा है।