Asansol News: माकपा कार्यालय में किया गया रविंद्र नजरुल संध्या का आयोजन

इस मौके पर यहां रानीगंज के पूर्व विधायक रुनु दत्ता, कलोल घोष, दुलाल कर्मकार, बासुदेव मंडल, रजनी पासवान, दिब्येंदु मुखर्जी, प्रदीप दास, पप्पू खान सहित संगठन से जुड़े तमाम कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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Kalyani Mandal
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टोनी आलम , एएनएम न्यूज़ : रानीगंज (Raniganj) के गिरजा पारा इलाके में स्थित माकपा (CPM) कार्यालय में रविंद्र नजरुल संध्या (Ravindra Nazrul Sandhya) का आयोजन किया गया। इस मौके पर यहां रानीगंज के पूर्व विधायक रुनु दत्ता, कलोल घोष, दुलाल कर्मकार, बासुदेव मंडल, रजनी पासवान, दिब्येंदु मुखर्जी, प्रदीप दास, पप्पू खान सहित संगठन से जुड़े तमाम कार्यकर्ता उपस्थित थे। रविंद्र नजरुल संध्या का आयोजन सीटु, एसएफआई तथा डीवाईएफआई द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। कार्यक्रम के संबंध में जानकारी देते हुए दीव्येंदु मुखर्जी ने बताया कि आज रविंद्र नजरुल संध्या का आयोजन किया गया। इसके साथ ही मेधावी विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया। यह वह विद्यार्थी हैं जिन्होंने इस साल के विभिन्न बोर्ड परीक्षा में बेहतरीन नतीजे निकाले हैं। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के आयोजन का उद्देश्य समाज में स्वस्थ्य संस्कृति (healthy culture) को बढ़ावा देना है क्योंकि आज जिस तरह से शिक्षा के क्षेत्र में भ्रष्टाचार घुस गया है उससे शिक्षा का क्षेत्र आज कहीं ना कहीं कलुषित हो गया है। ऐसे में समाज को फिर से स्वस्थ्य संस्कृति की तरफ लौटाने के लिए इस तरह के आयोजनों की अत्यंत आवश्यकता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जिस तरह से आज लोगों की रोजी-रोटी पर भी हमले हो रहे हैं, उसको लेकर भी समाज की नई पीढ़ी को जागरूक करने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि आज 25 जून है। आज ही के दिन भारत(India) में आपातकाल (emergency) की घोषणा हुई थी, लेकिन आज परिस्थिति फिर वैसे हो गई है कि अघोषित आपातकाल चल रहा है। जहां हर एक चीज को राष्ट्र द्वारा नियंत्रित करने की कोशिश की जा रही है। वही इस बारे में पत्रकारों को बताते हुए रजनी पासवान ने बताया कि, आज तकरीबन 70 विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया, जिन्होंने विभिन्न बोर्ड परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया था। उन्होंने कहा कि आज की परिस्थितियां ऐसी हो गई है कि कहीं ना कहीं शिक्षा पर आघात आ रहा है और शिक्षा व्यवस्था को सस्ता श्रमिक बनाने के औजार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है।  यहां पर स्वस्थ्य संस्कृति कहीं ना कहीं खोती चली जा रही है। इस वजह से इस तरह के आयोजन काफी जरूरी हो जाते हैं, जिससे कि नई पीढ़ी आज की समस्याओं को समझे और उनसे निकलने के क्या रास्ते हैं उनके बारे में जागरूक हो सके।