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टोनी आलम, एएनएम न्यूज़ : रानीगंज के 88 नंबर वार्ड के पी एन मालिया स्थित लगभग 300 वर्ष पुराने जर्जर मकान का एक हिस्सा गिरने से रानीगंजवासी भयभीत हैं। घनी आबादी क्षेत्र में स्थित यह मकान अधिकांश हिस्सों से टूट चुका है। इधर मकान के मालिक होने का दावा करने वाले, मकान के प्रभारी सभी सदस्यों का कहना है कि बार-बार नगर निगम में जानकारी देने के बाद भी इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की गई है। घर के विभिन्न हिस्सों में करीब 20 से 22 परिवार ऐसे हैं जो उस जर्जर मकान में लकड़ी का खंभा लगाकर जान जोखिम में डालकर रह रहे हैं। घर के मालिक होने का दावा करने वाले सदस्यों का दावा है कि वे किरायेदारों को कई बार सूचित करने के बाद भी घर नहीं छोड़ रहे हैं। हालांकि, घर में रहने वाले एक निवासी का दावा है कि वे घर के असली मालिक के बारे में नहीं जानते हैं और इसलिए किराये के घर में ताला नहीं लगाएंगे, उनका दावा है कि यह एक ट्रस्ट का घर है।
हालांकि मकान मालिक कई दस्तावेज दिखाकर यह दावा कर रहा है कि यह मकान उसका है, जबकि किरायेदारों को वह बार-बार दूसरी जगह जाने के लिए कह चुके है, लेकिन इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। आप घर में जाकर देखेंगे तो पता चलेगा कि घर के ज्यादातर हिस्से टूटे हुए हैं. किसी भी वक्त कोई बड़ा हादसा हो सकता है। फिर भी इन घरों में कई किराएदार रह रहे हैं। इस बारे में जब नगर निगम के रानीगंज बोरो चेयरमैन मुजम्मिल शहजादा से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह भवन बेहद पुरानी है और जर्जर हो चुकी है उसमें कई किराएदार है किराएदार और मालिक के बीच विवाद चल रहा है अदालत में मामले भी दर्ज किए गए हैं। उन्होंने कहा कि चाहे कुछ भी हो लेकिन किसी की जिंदगी को खतरे में नहीं डाला जा सकता, ऐसे में यह बहुत जरूरी है कि इसका कोई समाधान निकाले।
उन्होंने कहा कि अगर कोई दुर्घटना हो जाती है तो फिर नगर निगम से मुआवजे की मांग की जाएगी। वही वह भवन पर किसी का मालिकाना हक नहीं होने और ट्रस्ट के अंतर्गत आने की बात पर मुजम्मिल शहजादा ने कहा कि वह दूसरा मसाला है लेकिन अभी सबसे बड़ा मसला यह है कि वह भवन जर्जर हो चुकी है कई बार नोटिस भी दिया जा चुका है। लेकिन अभी तक वहां पर किराएदार रह रहे हैं लोगों की सुरक्षा से बढ़कर कोई चीज नहीं होती है। मुजम्मिल शहजादा ने कहा कि उनके पास जो जानकारी है ट्रस्ट की जमीन बगल में है जहां पर एक मंदिर और एक पार्क है इसलिए यह कहना कि यह भवन ट्रस्ट के अंतर्गत आता है पूरी तरह से सही नहीं है। उन्होंने साफ कहा कि आसनसोल नगर निगम किसी को भी अपनी जान जोखिम में डालकर उस भवन में रहने देने के खिलाफ है।
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