आमरण अनशन के सकारात्मक परिणाम, रवि यादव को पिलाया जूस (Video)

रानीबांग्ला अस्पताल के लिए ₹5 करोड़ की स्वीकृति: लंबे समय से अधूरी पड़ी रानीबांग्ला के सरकारी अस्पताल निर्माण की प्रक्रिया में ₹5.22 करोड़ की स्वीकृति की पुष्टि की गई। टेंडर प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है, संबंधित ऑर्डर कॉपी आंदोलनकारियों को दी। 

author-image
Jagganath Mondal
New Update
Positive results of Hunger Strike till death

Positive results of Hunger Strike till death

एएनएम न्यूज़, ब्यूरो : जनस्वास्थ्य के मुद्दे पर 6 दिन से चले आमरण अनशन का सकारात्मक परिणाम। प्रशासनिक आश्वासन के साथ आंदोलन समाप्त"।

आम जनता की स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर पश्चिम बर्धमान जिला युवा कांग्रेस द्वारा चलाया गया आमरण अनशन अपने 6वें दिन समाप्त हुआ। इस आंदोलन की अगुवाई जिला युवा कांग्रेस अध्यक्ष श्री रवि यादव कर रहे थे, जो बीते 6 दिनों से बिना अन्न और जल के डीएम कार्यालय मोड़ पर आमरण अनशन पर बैठे थे। माननीय एसडीओ महोदय के प्रतिनिधि और CMOH कार्यालय के प्रतिनिधि अनशन स्थल पर पहुंचे और उन्होंने आंदोलनकारियों की सभी मुख्य मांगों को गंभीरता से स्वीकार किया। अधिकारियों ने यह स्पष्ट आश्वासन दिया कि सभी बिंदुओं पर कार्यवाही की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और कुछ ही दिनों के भीतर ज़मीनी स्तर पर बदलाव दिखने लगेंगे।” उनकी इस घोषणा के बाद, आंदोलन के नेतृत्वकर्ता श्री रवि यादव को अनशन मंच पर ही माननीय मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में जूस पिलाकर अनशन समाप्त कराया गया। 

जनता की मुख्य माँगें जिन पर प्रशासन ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी :

1. रानीबांग्ला अस्पताल के लिए ₹5 करोड़ की स्वीकृति: लंबे समय से अधूरी पड़ी रानीबांग्ला के सरकारी अस्पताल निर्माण की प्रक्रिया में ₹5.22 करोड़ की स्वीकृति की पुष्टि की गई। टेंडर प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है, संबंधित ऑर्डर कॉपी आंदोलनकारियों को दी। 

2. जब तक नया अस्पताल पूरी तरह शुरू न हो, तब तक वैकल्पिक चिकित्सा सेवा चालू रखने की माँग : रानीबांग्ला में AMC के अंतर्गत जो अर्बन अस्पताल कार्यरत है, वहाँ OPD और इमरजेंसी ऑपरेशन सेवा शीघ्र शुरू करने की सहमति बनी। संबंधित नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग के साथ समन्वय कर इसे जल्द लागू करने का आश्वासन दिया गया।
3. बंद पड़े दूसरे अर्बन अस्पताल को पुनः सक्रिय करना : वर्तमान AMC अर्बन अस्पताल में कार्यरत 1 डॉक्टर और 1 नर्स को पास ही के बंद पड़े दूसरे अर्बन अस्पताल में स्थानांतरित कर दोनों को संयुक्त रूप से चालू करने की संभावना पर कार्यवाही का आश्वासन।

4. विशेषज्ञ डॉक्टरों की उपलब्धता : रानीबांग्ला क्षेत्र में सप्ताह में कम-से-कम दो दिन जिला अस्पताल के विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा OPD सेवा – जैसे कार्डियोलॉजी, न्यूरोलॉजी, ENT और जनरल मेडिसिन – शुरू करने पर सैद्धांतिक सहमति दी गई।
5. स्वास्थ्य साथी योजना की पारदर्शिता : सभी अस्पतालों (सरकारी एवं निजी) में बड़े-बड़े बोर्ड लगाने होंगे जिनमें यह स्पष्ट लिखा रहेगा कि कौन-कौन सी बीमारियों का इलाज स्वास्थ्य साथी कार्ड से संभव है। इसके अतिरिक्त, इलाज से जुड़ी पूरी जानकारी बोर्ड पर सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित करनी होगी।

6. निजी अस्पतालों में ग़रीबों का शोषण रोकने की माँग : विशेष रूप से रात में एडमिशन, जरूरी टेस्ट (जैसे MRI, CT Scan), और इलाज के नाम पर पैसे वसूलने की शिकायतों पर सख्त निगरानी का आश्वासन। हेल्पलाइन नंबर के माध्यम से ऐसी घटनाओं की शिकायत दर्ज कराने की व्यवस्था की जाएगी।
7. सरकारी डॉक्टरों द्वारा निजी क्लिनिक चलाने की जाँच : जो सरकारी डॉक्टर ड्यूटी के समय प्राइवेट क्लिनिक चला रहे हैं, उनकी जांच हेतु स्वतंत्र समिति के गठन की बात मानी गई। दोषियों पर कार्रवाई का आश्वासन।

8. स्वास्थ्य साथी योजना में भ्रष्टाचार की जाँच : स्वास्थ्य साथी कार्ड के नाम पर अतिरिक्त पैसे वसूलने वाले अस्पतालों की पहचान कर उन पर सख्त कार्रवाई हेतु शिकायत प्रणाली को और प्रभावी बनाया जाएगा।

9. जिला अस्पताल में और अधिक विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति : कार्डियोलॉजिस्ट, न्यूरोलॉजिस्ट और यूरोलॉजिस्ट जैसे विशेषज्ञों की नियुक्ति की माँग को CMOH प्रतिनिधियों ने सही माना और आवश्यक कार्यवाही का भरोसा दिया।

10. सभी अस्पतालों में डॉक्टरों और स्टाफ की ड्यूटी सूची सार्वजनिक करना : हर सरकारी अस्पताल में गेट के पास ड्यूटी रोटेशन चार्ट लगाया जाएगा, जिसमें डॉक्टरों, नर्सों और अन्य स्टाफ की ड्यूटी समय स्पष्ट रूप से लिखा होगा।

11. ICU और जनरल बेड की संख्या बढ़ाने की माँग :जिला अस्पताल में ICU बेड और सामान्य बेड की संख्या बढ़ाने की माँग को प्रशासन ने आवश्यक मानते हुए अगली योजना में शामिल करने की बात कही। इन सभी मांगों पर प्रशासन के प्रतिनिधियों ने लिखित व मौखिक रूप से भरोसा दिलाया है कि जल्द ही इन बिंदुओं पर क्रियान्वयन शुरू होगा।

यही भरोसा आंदोलन के समाप्ति का कारण बना।
रवि यादव ने क्या कहा?
“यह आंदोलन किसी दल या पद के लिए नहीं था — यह लड़ाई आम जनता के जीवन और इलाज के हक़ की थी। प्रशासन ने हमारी बात सुनी, माना और लिखित व मौखिक दोनों रूपों में सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। इसलिए हम आंदोलन स्थगित कर रहे हैं, लेकिन निगरानी जारी रहेगी। अगर वादों पर अमल नहीं हुआ तो जनता दोबारा सड़कों पर होगी।”

यह आंदोलन पूरे पश्चिम बर्धमान ज़िले की आवाज़ बना और हर तबके के लोगों का समर्थन प्राप्त हुआ। मीडिया, नागरिक समाज, विभिन्न संगठनों और युवाओं की एकजुटता ने प्रशासन को मजबूर किया कि वह बात सुने और ठोस कार्रवाई करे।