काली पूजा से पहले फिर चोरी! लोगो की नींद गायब

पिछले 20 दिनों में इलाके में चोरी की पाँच बड़ी घटनाएं हुई हैं, और इसका नवीनतम शिकार सेवानिवृत्त कर्मचारी शुभशीष तिवारी बने हैं। वह अपनी पत्नी के साथ सिर्फ एक रात के लिए रिश्तेदार के घर गए थे।

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Jagganath Mondal
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Theft in Rupnarayanpur

Theft in Rupnarayanpur

राहुल तिवारी, एएनएम न्यूज़ : रूपनारायणपुर फाड़ी इलाके में इन दिनों चोरी का तांडव चरम पर है। इलाके में चोर लगातार चोरी की घटना को अंजाम दे कर फरार हो जा रहे है। चोर प्रशासन की आंखों में धूल झोंककर एक के बाद एक घरों को आसानी से खाली कर रहे हैं। पिछले 20 दिनों में इलाके में चोरी की पाँच बड़ी घटनाएं हुई हैं, और इसका नवीनतम शिकार सेवानिवृत्त कर्मचारी शुभशीष तिवारी बने हैं। वह अपनी पत्नी के साथ सिर्फ एक रात के लिए रिश्तेदार के घर गए थे—लौटकर देखा तो घर का ताला टूटा हुआ था, सामान अस्त-व्यस्त था, सोना, नकदी, कपड़े सब गायब।

यह एक रात की घटना एक बार फिर पूरी प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है। चोरों को कैसे पता चलता है कि कौन सा घर खाली है? इलाके में तथाकथित पहरेदार होने के बावजूद चोरी क्यों हो रही है? स्थानीय पंचायत सदस्य राणा माहातो ने तर्कसंगत रूप से कहा है, "चोरों को निश्चित रूप से इलाके का ही कोई व्यक्ति जानकारी दे रहा है। पुलिस जांच करे—लेकिन यह सिर्फ खानापूर्ति नहीं होनी चाहिए।"

वास्तव में, इस घटना के बाद एक बार फिर प्रशासनिक कमजोरी उजागर हुई है। रूपनारायणपुर अब पहले जैसा छोटा गाँव नहीं रहा—यह 21 बूथों वाली एक बड़ी बस्ती है। जबकि थाने का कर्मचारी बल और गश्त अभी भी पुराने दिनों जैसा ही है। चोरी होने पर पुलिस की रूटीन उपस्थिति होती है, और कुछ ही दिनों में सब शांत हो जाता है। "नए सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे"—यह वादा भी बार-बार पुराने रिकॉर्ड की तरह बज रहा है। जबकि इलाके का एक बड़ा हिस्सा अभी भी कैमरे की निगरानी से बाहर है।

तृणमूल नेता भोला सिंह ने घटनास्थल पर जाकर कड़ी कार्रवाई की मांग की, लेकिन स्थानीय लोगों का सवाल है—"कड़ी कार्रवाई कब होगी? क्या एक और चोरी होने के बाद?" स्थानीय निवासियों का गुस्सा अब चरम पर है। उनकी शिकायत है कि पुलिस इन घटनाओं को नियमित प्रशासनिक दिनचर्या का हिस्सा मान रही है, स्थायी समाधान की कोई पहल नहीं है।

इधर, सूत्रों मिल रही जानकारी के अनुसार हिंदुस्तान केबल्स सालो से खाली था। धीरे-धीरे लोगों ने यहां आकर रहने लगे। अब सवाल उठ रहा है—क्या प्रशासन के पास हिंदुस्तान कैबल्स मैं रह रहे1 लोगो की जानकारी है। प्रत्येक घर, परिवार और उनकी पहचान से संबंधित पूरी जानकारी मौजूद है? आम लोगों का सवाल है कि यदि प्रशासन इलाके के निवासियों की पहचान और जनसंख्या का सही रिकॉर्ड रखता, तो शायद अपराध पर काबू पाना और आसान होता।

जानकार हलकों के अनुसार, चोरों का गिरोह संगठित होकर इस इलाके में प्रवेश कर रहा है, और कुछ स्थानीय गुंडे भी उनकी मदद कर रहे हैं। लेकिन सवाल यह है—इस संगठित अपराध चक्र के खिलाफ पुलिस अभी तक कोई बड़ा अभियान क्यों नहीं चला पाई है?
रूपनारायणपुर निवासियों की रात की नींद अब डर के मारे उड़ी हुई है। लोग ताला लगाने से पहले सोच रहे हैं, क्या सुबह वह ताला सही मिलेगा? एक के बाद एक चोरी के बाद भी प्रशासन की खामोशी अब चोरों को हिम्मत दे रही है, और गृहस्थों को डर सिखा रही है। रूपनारायणपुर में अब एक ही सवाल है—चोर अधिक चालाक हैं, या प्रशासन ही अक्षम?

घर के मालिक शुभाशीष तिवारी के अनुसार चोर ने दो रूम में अलमारी में रखे करीब 5 भरी सोने के आभूषण, 1 लाख 20 हजार नगद रुपये एवं कुछ नए कपड़े लेकर गये है। मामले में पुलिस को शिकायत की गई है।