सड़क निर्माण में अनियमितता मामले में हरकत में आये अधिकारी

मालूम है कि बाराबनी विधायक सह आसनसोल मेयर विधान उपाध्याय मामले की शिकायत एवं खबर को देख कड़ा रुख अपनाते हुए तुरंत सख्त कार्रवाई का साफ़ निर्देश दिया, उन्होंने ने कहा "यह जनता के पैसों की सड़क है,

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Jagganath Mondal
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राहुल तिवारी, एएनएम न्यूज़ : सालानपुर एवं बाराबनी प्रखंड को जोड़ने वाली रूपनारायणपुर - गौरंगडीह सड़क की मरम्मत में बरती जा रही अनियमितता की ग्रामीणों की शिकायत एवं मामले में खबर प्रकाशित होने के बाद अधिकारियों की नींद टूटी गई है। शुक्रवार अधिकारीयों की एक टीम मौके पर पहुँच सड़क से सैम्पल एकत्र कर ले गई।

मालूम है कि बाराबनी विधायक सह आसनसोल मेयर विधान उपाध्याय मामले की शिकायत एवं खबर को देख कड़ा रुख अपनाते हुए तुरंत सख्त कार्रवाई का साफ़ निर्देश दिया, उन्होंने ने कहा "यह जनता के पैसों की सड़क है, यहाँ ठेकेदार की किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नही की जाएगी।"

शुक्रवार सुबह विधायक के निर्देश पर पूरी सरकारी मशीनरी मैदान में उतर आई। जिला परिषद की एक विशेष टीम, सालनपुर प्रखंड के बीडीओ देबांजन विश्वास, जिला परिषद कर्मध्यक्ष , सालनपुर पंचायत समिति के उपाध्यक्ष विद्युत मिश्रा समेत सम्बन्धित विभाग के इंजीनियर अधिकारी मौके पर पहुँचे। मौके पर पहुँची टीम ने सड़क के अलग-अलग हिस्सों से पिच के नमूने लिए। जिसकी जाँच होगी, रिपोर्ट आएगी और उसके बाद ही काम सड़क का कार्य दोबारा शुरू होगा।"

वही मोके पर मौजूद सालनपुर ब्लॉक तृणमूल कांग्रेस के उपाध्यक्ष भोला सिंह ने कहा: "यह सड़क जनता के लिए है। ग्रामीणों की शिकायत मिलते ही विधायक ने सख़्त आदेश दिए हैं। सड़क निर्माण में कोई लापरवाही बर्दाश्त नही की जाएगी। अगर ठेकेदार सड़क निर्माण में लापरवाही करेगा, तो उन्हें पकड़कर काम बंद करवा दिया जाएगा।"

वही आरोप है कि 5 करोड़ से ज़्यादा की इस परियोजना में पिच बहुत पतली परत में बिछाई गई है। कुसुमकनाली मोड़ इलाके में तो लोगों ने हाथ से पिच उठा कर दिखाया।स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार उक्त सड़क से करीब 50 से 60 टन वजनी वाहन गुजरते है, भारी वाहनों की आवाजाही वाली सड़क पर इस तरह का सड़क टिक नहीं पायेगी। इसलिए ऐसे कोई भी कार्य को स्वीकार नहीं  किया जाएगा।

वही प्रशासन के दबाव में ठेकेदार पक्ष ने सफ़ाई दी कि ठंड में पिच को जमने में समय लगता है, लेकिन ज़िला परिषद के कर्मध्यक्ष ने उन्हें दो टूक कह दिया: "ठेकेदार पाँच साल तक इसके रखरखाव के लिए ज़िम्मेदार है। अगर पिच हाथ से उखाड़ जा रही है, तो यह किसी भी तरह से स्वीकार्य नहीं है। जाँच कराई जाएगी और अगर कोई खामी पाई गई, तो कार्रवाई की जाएगी।"

उधर, पश्चिम बंगाल राज्य ग्रामीण विकास एजेंसी के जिला इंजीनियर सब्यसाची ओझा के निर्देश पर पहुचे टीम ने सेम्पल एकत्र किये। वही शुक्रवार उन्होंने बताया कि टीम अभी तक उनके पास नही पहुँची है बुधवार तक रिपोर्ट आ सकती है। हालांकि उन्होंने जांच की रिपोर्ट आने से पहले ही ठेकेदार के काम को सही ठहराते हुए कहा कि टीम ने सब ठीक ही कहा है।