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टोनी आलम, एएनएम न्यूज़ : जमुड़िया विधानसभा क्षेत्र में पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करने वाले विभिन्न संगठनों ने सिंघारन नदी की बदहाल स्थिति को लेकर नदी के पास काली मंदिर के पास एक बैठक आयोजित की। नदी बचाओ, जीवन बचाओ संस्था की सदस्य डॉ. रत्ना पाल ने बताया कि आज इस नदी को लेकर एक बैठक हुई। बैठक में स्थानीय निवासी भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि पहले वे नदी का पानी पीते थे, लेकिन फैक्ट्री की वजह से नदी के पानी में इतना प्रदूषण घुल गया है कि अब नदी के पानी में नहाना भी मुश्किल हो गया है।
उन्होंने कहा कि पहले लोग यहाँ खेती करते थे, लेकिन उसके बाद यहाँ औद्योगिक क्षेत्र बना दिया गया और विकास के नाम पर पर्यावरण को नुकसान पहुँचने लगा। पहले यहाँ जंगल हुआ करता था और नदी अपनी अविरल गति से बहती थी, लेकिन जनसुनवाई के नाम पर यहाँ लोगों को ठगा गया और अब फैक्ट्री से होने वाले प्रदूषण की वजह से लोगों का जीना दूभर हो गया है। उन्होंने कहा कि नदी को बचाने के लिए आज एक अभियान शुरू किया गया है और यह आगे भी जारी रहेगा। नदी बचाओ आंदोलन से जुड़े तापस दास ने कहा कि आज स्थानीय लोगों से बात करने पर उन्हें पता चला कि पहले यह नदी प्रदूषित थी। लोग नदी का पानी पीते थे, लेकिन अब यह पानी पूरी तरह काला हो गया है।
इसका कारण कारखानों से निकलने वाला प्रदूषण है। उन्होंने कहा कि पहले यहाँ के लोग खेती करते थे, लेकिन औद्योगीकरण के नाम पर लोगों से ज़मीन ली गई और कारखाने बनाए गए, लेकिन कारखानों से होने वाला प्रदूषण अब नदियों और पर्यावरण को स्थायी नुकसान पहुँचा रहा है। उन्होंने कहा कि आज यहाँ इस नदी को बचाने का एक अभियान शुरू हुआ है जो पूरे भारत में फैलाया जाएगा क्योंकि यह सिर्फ़ एक नदी की बात नहीं है, यह देश की सभी नदियों को बचाने की बात है और इस आंदोलन को बड़े पैमाने पर चलाया जाएगा।
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