स्थानीय जमीन मालिकों ने जताया विरोध, कंपनी से पैसे ऐंठने का आरोप

प्रोजेक्ट के होने से बेरोजगारी की समस्या दूर हो जाएगी। कल जब एजेंट यहां आएंगे तो उनके साथ बैठकर फैसला लिया जाएगा। अगर उससे भी मामला नहीं सुलझा तो महाप्रबंधक के साथ बैठकर फैसला लिया जाएगा।

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Jagganath Mondal
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टोनी आलम, एएनएम न्यूज, जामुड़िया: रविवार को स्थानीय जमीन मालिकों ने एमडीओ परियोजना से मशीनें ले जाने से रोककर विरोध जताया। विरोध कर रहे लोगों ने कहा कि वे किसी भी कीमत पर परियोजना को बंद नहीं होने देंगे। 

वहीं अन्य जमीन मालिकों ने सीधे तौर पर कहा कि षड्यंत्र के तहत इलाके में परियोजना बंद होने की भ्रामक खबर फैलाई जा रही है। वे नहीं चाहते कि इलाके में स्थानीय बेरोजगार युवाओं को रोजगार कम मिले। इस संबंध में स्थानीय आदिवासी नेता भरत मड्डी ने कहा कि वे नहीं चाहते कि यहां एमडीओ बंद हो, यहां लोगों को रोजगार कम मिलना चाहिए, लेकिन साजिश के तहत इसे यहां बंद किया जा रहा है। इसके लिए उन्होंने दो स्थानीय लोगों का नाम बताया, जिसमें तुषार कांत और कल्याण घोष शामिल हैं। उन्होंने कुछ लोगों पर आरोप लगाया कि वे चाहते हैं कि यहां एमडीओ बंद हो लेकिन वे ऐसा नहीं चाहते। उनका साफ कहना है कि यहां यह जारी रहना चाहिए और स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज रविवार है, कल जब इस खदान के अधिकारी आएंगे तो उनके साथ बैठकर निर्णय लिया जाएगा। 

इस प्रोजेक्ट के लिए जमीन देने वाले मिलन कुमार घोष ने बताया कि आज कुछ मशीनों को हटाने का प्रयास किया जा रहा था, लेकिन स्थानीय लोगों ने उन्हें रोक दिया और उनसे साफ कह दिया कि वे यहां से मशीनें नहीं ले जाने देंगे, वे चाहते हैं कि प्रोजेक्ट यहीं लगे, यह एशिया का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट है। इसलिए यहां इस प्रोजेक्ट के होने से बेरोजगारी की समस्या दूर हो जाएगी। कल जब एजेंट यहां आएंगे तो उनके साथ बैठकर फैसला लिया जाएगा। अगर उससे भी मामला नहीं सुलझा तो महाप्रबंधक के साथ बैठकर फैसला लिया जाएगा। लेकिन वे इस प्रोजेक्ट को कतई बंद नहीं होने देंगे, उन्होंने आरोप लगाया कि सिंडिकेट से जुड़े कुछ लोग नहीं चाहते कि यह प्रोजेक्ट यहां चले। 

जब हमने स्थानीय निवासी तरुण कांति घोष से बात की तो उन्होंने कहा कि उन पर लगाए जा रहे रंगदारी के आरोप पूरी तरह से झूठे हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग इस तरह के आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने इस प्रोजेक्ट को शुरू करने के लिए ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड को कोई जमीन नहीं दी। उन्होंने 2019 में ईसीएल को 150 बीघा जमीन दी थी। वे चाहते हैं कि यहां यह प्रोजेक्ट शुरू हो, जिसके चलते उन्होंने रजिस्ट्रेशन से पहले ही कंपनी को यहां काम करने की इजाजत भी दे दी थी। उन्होंने कहा कि जमीन के रजिस्ट्रेशन से पहले ही यहां सड़क का निर्माण हो गया था। इससे पता चलता है कि यहां के लोग चाहते हैं कि यह प्रोजेक्ट यहां शुरू हो। उन्होंने कहा कि एएनयूएल को कम करने का ठेका ईसीएल ने दिया था। एएनयूएल यह काम स्वाभूमि डीसीएस और एक अन्य कंपनी से करवा रही थी। उन्होंने आरोप लगाया कि ये तीनों कंपनियां बिना किसी सुरक्षा इंतजाम के यहां काम करवा रही हैं। स्थानीय लोगों की मांग थी कि मजदूर वर्ग के काम के लिए स्थानीय युवाओं को नौकरी दी जाए, लेकिन स्वाभूमि ने बताया कि वह सिर्फ पांच स्थानीय लोगों को काम देगी। हालांकि वे अपना ज्वाइनिंग लेटर भी नहीं देंगे। 

तरुण कांति घोष ने कहा कि सभी मुद्दों को लेकर प्रबंधन से बातचीत की जा रही है, लेकिन वह नहीं चाहते कि यहां प्रोजेक्ट बंद हो। उन्होंने आरोप लगाया कि यहां एक सिंडिकेट बना हुआ है जो हर महीने प्रबंधन से कुछ लाख रुपए लेता है और यह सुनिश्चित करता है कि स्थानीय युवाओं को नौकरी न भी मिले तो भी कोई फर्क नहीं पड़ेगा। उन्होंने उस सिंडिकेट को चलाने वाले लोगों पर कंपनी से पैसे ऐंठने का आरोप लगाया। मशीनें क्यों छीनी जा रही हैं, इसके जवाब में उन्होंने कहा कि इसका जवाब तो स्वभूमि ही दे सकती है।