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Kali Maa temple is more than three hundred years old
टोनी आलम, एएनएम न्यूज़ : तीन सौ साल से भी अधिक पुराना निराकार डाकू सरदार भवानी पाठक द्वारा स्थापित और संत बामक्ष्यपा द्वारा पूजा जाता था सिंगारोन बूढ़ी माँ काली। राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 60 से 1 किमी दूर जामुड़िया थाना क्षेत्र के बेलबाद कोलियरी क्षेत्र में स्थित है सिंगारोन काली माता का मंदिर। साल भर दूर-दूर से कई भक्त इस मंदिर में पूजा करने आते हैं, खासकर काली पूजा के तीन दिनों के दौरान हजारों तीर्थयात्री इस मंदिर में आते हैं। वैसे तो ज्यादातर काली पूजा निशी रात को की जाती है, लेकिन बूढ़ी माँ के इस मंदिर में पूजा का अनुष्ठान तीन दिनों तक चलता है।
मंदिर के मुख्य पुजारी सुबल बनर्जी और दीपक चक्रवर्ती ने कहा कि यह मंदिर बहुत पुराना है और उनके पास 300 साल पुराने दस्तावेज हैं। मंदिर जंगल से घिरा हुआ था और डकैत सरदार भबानी पाठक यहां सुरंग मार्ग पर मां की पूजा करते थे। बाद में संत बामाश्यापा इस मंदिर में आए और मां की पूजा की। कुछ दशक पहले मंदिर के जीर्णोद्धार के दौरान मां के बारह हाथ लंबे बाल, तीन पत्थर की आंखें मिलीं और मंदिर के पास नहर से साढ़े तीन फीट लंबा खरम मिला, जो वेदी में रखा हुआ था।