Asansol से जहांआरा खान बनी CPIM उम्मीदवार

2011 के राज्य परिवर्तन में तृणमूल उम्मीदवार प्रभात चटर्जी को सीपीएम उम्मीदवार जहांआरा खान ने 10,000 से अधिक वोटों से हराया था। सीपीएम की जहांआरा खान ने 2016 का चुनाव 7,500 वोटों के अंतर से जीता था। तृणमूल के उम्मीदवार वी शिवदासन थे।

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Sneha Singh
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टोनी आलम, एएनएम न्यूज़: जहांआरा खान को आसनसोल लोकसभा क्षेत्र से सीपीआईएम उम्मीदवार घोषित किया गया है। 57 वर्षीय जहांआरा खान जामुड़िया 2011 से 2016 तक विधानसभा में रहीं और 2016 से 2021 तक विधायक रही। 2011 के राज्य परिवर्तन में तृणमूल उम्मीदवार प्रभात चटर्जी को सीपीएम उम्मीदवार जहांआरा खान ने 10,000 से अधिक वोटों से हराया था। सीपीएम की जहांआरा खान ने 2016 का चुनाव 7,500 वोटों के अंतर से जीता था। तृणमूल के उम्मीदवार वी शिवदासन थे। हालाँकि, 2021 में उन्हें दोबारा नामांकित नहीं किया गया। 2022 में पश्चिम बर्दवान की जहांआरा खान को सीपीएम महिला संगठन का नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। संगठन के 29वें राज्य सम्मेलन में जामुड़िया की पूर्व विधायक जहांआरा को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया।

जहांआरा खान पेशे से एक छोटे प्राइवेट स्कूल की टीचर हैं। उनका घर जामुड़िया विधानसभा के केंदा क्षेत्र में है। जहाँआरा खान अभी भी अपने भाई-बहनों के साथ ईसीएल में एक छोटे से परित्यक्त आवास में रहती हैं। हुगली के बेगमपुर से प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय से पढ़ाई की। उन्होंने 9वीं से 12वीं तक की पढ़ाई केंदा हाई स्कूल से की। उन्होंने रानीगंज गर्ल्स कॉलेज से पढ़ाई की। 1990 में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। 2009 के बाद भी वे जामुड़िया पंचायत के अध्यक्ष पद पर रहीं। उस दौरान विधानसभा का टिकट दिया गया था। जहांआरा खान ने कहा कि पार्टी को मुझ पर भरोसा है। आसनसोल लोकसभा क्षेत्र की लड़ाई मेहनती औद्योगिक श्रमिकों के लिए है। राज्य की बदहाली दीदी और केंद्र की मोदी सरकार की वजह से है। उन्होंने कहा कि पार्टी जिसको जो जिम्मेदारी सौंपती है वह वही जिम्मेदारी निभाता है। पार्टी ने उनको आसनसोल लोकसभा केंद्र से चुनाव लड़ने की जिम्मेदारी सौंप है वह पूरी जान लगाकर यह जिम्मेदारी निभाने की कोशिश करेंगी। 

वहीं जब उनसे पूछा गया कि उनके खिलाफ टीएमसी से शत्रुघ्न सिन्हा खड़े हो रहे हैं तो उन्होंने कहा कि इनको उसकी कोई परवाह नहीं है कौन फिल्में सितारा उनके खिलाफ खड़ा हो रहा है यह वह देखने नहीं जाएंगी। वह सिर्फ जनता के मुद्दों को लेकर चुनाव मैदान में उतरी है और उन्हीं मुद्दों पर वह जनता से वोट मांगेंगी। उन्होंने कहा कि वामपंथी पूरे साल चुनाव लड़ते हैं और इसके लिए हर वामपंथी तैयार रहता है। उन्होंने दावा किया कि हाल ही में युवा वामपंथियों द्वारा किया गया इंसाफ यात्रा का आने वाले चुनाव में प्रभाव पड़ेगा।