बंद होने के कगार पर उच्च माध्यमिक विद्यालय, सभी सुविधाओं से है वंचित

पश्चिम बंगाल राज्य सरकार की बोर्ड पाठ्यक्रम हिंदी/बंगला की पुस्तक के अलावा सभी सुविधाओं से वंचित है उक्त स्कूल के विद्यार्थि। राज्य सरकार की बोर्ड समेत राज्य में होने के बाउजूद स्कूल में राज्य सरकार की कोई भी सुविधा उपलब्ध नही है।

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Jagganath Mondal
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दस सेक्शन के लिये स्कूल में मात्र 6 शिक्षक, आधे से ज्यादा क्लास रहती है खाली

राज्य सरकार की मुफ्त किताबों के अलावा सभी सुविधाओं से वंचित है यहाँ के छात्र-छात्राएं

राहुल तिवारी, एएनएम न्यूज़ : सालानपुर प्रखंड के कल्याणेश्वरी लेफ्ट बैंक स्थित डीवीसी लेफ्ट बैंक उच्च माध्यमिक विद्यालय इतिहास के पन्नो में कभी उच्च स्तरीय शिक्षा वाले स्कूल के पायदान में गिना जाता था। 1971 में स्कूल के स्थापना के बाद से स्कूल में शिक्षा लेने के लिये हिंदी एवं बंगाल विभाग में एडमिशन के लिये डीवीसी अधिकारियों की स्वीकृति समेत स्थानीय निवासी एवं डीभीसी कर्मचारी के बच्चों को ही जगह मिलती थी। बर्तमान में परिस्थिति ठीक विपरीत हो गई है। बर्तमान में शिक्षक के अभाव में  स्कूल बंद होने की कगार पर पहुँच गया है। जहाँ कभी 40 शिक्षक थे वहां बर्तमान में 10 सेक्शन एवं करीब 400 विद्यार्थियों के लिये मात्र 6 शिक्षक ही मौजूद है। जिसमें एक भी महिला शिक्षक नही है। जिससे छात्रओं को बहुत सी असुविधाओं का सामना करना पड़ता है। 

सनद रहे प्रखंड में गिनेचुने स्कूल ही है हिंदी विभाग की, जिसमें उक्त स्कूल का इतिहास बहुत गोरवांमय रहा है। बता दे बर्तमान में स्कूल की दुर्दशा शिक्षा के प्रति बरती जा रही डिवीसी प्रबंधन की लापरवाही को दर्शा रहा है। जहाँ सिर्फ स्कूल में मात्र 6 शिक्षक के भरोसें स्कूल को छोड़ दिया गया है। बता दे शिक्षक के अभाव में लगभग चार वर्ष पूर्व बंगला मीडियम क्लॉस टू को बंद कर दिया गया। बताया जा रहा है बर्तमान प्रिंसिपल जी.सी घोष के निरंतर प्रयास एवं अपील के बाद भी स्कूल में शिक्षकों की बहाली एवं पूर्ति नही की जा रही है। प्रिंसिपल जीसी घोष ने बताया कि शिक्षकों की कमी को लेकर उच्च अधिकारियों को लिखिति में सूचना दी गई है। 

पश्चिम बंगाल राज्य सरकार की बोर्ड पाठ्यक्रम हिंदी/बंगला की पुस्तक के अलावा सभी सुविधाओं से वंचित है उक्त स्कूल के विद्यार्थि। राज्य सरकार की बोर्ड समेत राज्य में होने के बाउजूद स्कूल में राज्य सरकार की कोई भी सुविधा उपलब्ध नही है। कारण डीवीसी प्रबंधन है जिसके द्वारा स्कूल का संचालन किया जाता है। डीवीसी प्रबंधन के उदासीन रवैये की भेंट चढ़ रहा है स्कूल में पढ़ रहे बच्चों का भविष्य। स्कूल में अधिकांश विषय की शिक्षक नहीं है, अनदेखी की आलम यह है की डीवीसी प्रबंधन ने उक्त स्कूल को भगवान भरोसे छोड़ दिया है। स्थानीय अभिभावक का आरोप है कि डीवीसी प्रबंधन इस स्कूल को बंद करना चाहती है। वही स्कूल के बन्द होने के बाद स्थानीय बच्चों के लिऐ शिक्षा के लिऐ दूर जाना होगा। क्योंकि आसपास में कोई भी हाई स्कूल नहीं है, और हिंदी मीडियम की स्कूल तो करीब 10 किलोमीटर दूर है। प्रखंड में पहले ही केन्द्र सरकार के हिंदुस्तान कैबल्स कारखाने द्वारा संचालित स्कूल कारखाने के बन्द होने के बाद बन्द किये जा चुके है।

वही डीवीसी मैथन उप महाप्रबंधक(प्रशासन) अनूप पुराकास्ता ने कहा कि शिक्षकों की कमी के बिषय को लेकर उच्च अधिकारियों को जानकारी दी गई है, बिषय उनके संज्ञान में है। जल्द शिक्षक उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है। बिषय में तृणमूल नेता मनोज तिवारी ने बताया कि हम लोगो ने मिलकर कई बार डीवीसी प्रबंधन को मामले में ध्यान देने के अपील की परंतु कोई परिणाम नहीं मिला है अबतक। पिछले साल स्थानीय लोगो द्वारा संयुक्त रूप से मामले में लिखिति तौर पर डीवीसी के सभी उच्च अधिकारियों को शिकायत की थी। जिसके बाद प्रबंधन द्वारा अस्वाशन दिया गया था कि स्कूल में जल्द शिक्षक उपलब्ध कराए जाएंगे परन्तु आजतक शिक्षक की बहाली नही की गई है। जिसको लेकर डीवीसी प्रबंधन के खिलाफ स्थानीय लोगों में आक्रोश है क्योंकि की प्रबंधन स्कूल को बन्द करने की इच्छा से स्कूल में शिक्षकों की बहाली नही कर रही है और बच्चों के भविष्य से खेल रही है।