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Hazrat Dada Pir's Urs Mubarak
टोनी आलम, एएनएम न्यूज़ : कहते हैं कि अल्लाह के संत धरती पर हर जगह रोशनी की तरह मौजूद हैं। जामुड़िया क्षेत्र का श्रीपुर दादा पीर की दरगाह के लिए प्रसिद्ध है। इस दरगाह पर आध्यात्मिक पुकार गूंजती है और सभी धर्मों के लोग अपनी परेशानियों से राहत पाने के लिए इस दरगाह में आते हैं। हजरत दादा पीर का उर्स मुबारक 21, 22 और 23 नवंबर को मनाया जाएगा। शुभ मुहूर्त के अवसर पर दरगाह पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इसकी जानकारी देते हुए हजरत दादा पीर के पोते प्रिंस नासी पेरे तरहत अल्हाज सैयद अनुर रहमान नक्शबंदी मुजाहिद साहब ने कहा कि 21 नवंबर को कुरान पाठ और कुल शरीफ के बाद फातिहा पढ़ी जाएगी। अशा की नमाज के बाद जलसा (नात) कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।
फिर 22 नवंबर को नमाज आशा के बाद फातिहा खानी संदल शरीफ किया जाएगा और अंत में 23 को नमाज के बाद आशा मजार के गद्दी नसी द्वारा चादर पोशीदा और दुआ का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। श्रीपुर स्थित मजार दादा पीर के इस उर्स मुबारक में लगातार तीन दिनों तक लंगर भी परोसा जाएगा। शहजादा नसी सैयद अनउर रहमान साहब ने कहा कि इस मजार पर न केवल बंगाल से बल्कि बंगाल के बाहर से भी लोग आते हैं। जो लोग दादा पीर से प्यार करते हैं वे इस उर्स मुबारक में आते हैं। जिन लोगों की समस्याओं का समाधान यहां किया गया है, वे केवल मुस्लिम समुदाय से नहीं हैं बल्कि हर धार्मिक समुदाय के लोग उनके अनुयायी हैं। अल्लाह के बंदों की महिमा यह है कि वे लोगों को एकजुट करते हैं न कि उन्हें विभाजित करते हैं
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