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राहुल तिवारी, एएनएम न्यूज़ : चित्तरंजन शहर प्रकृति की गोद में बसा एक शांतिपूर्ण क्षेत्र जहां की हर गली सादगीपूर्ण जीवनशैली और मानवता की खुशबू से महकती है। लेकिन इस शांति के पीछे हाल ही में एक ऐसा काला साया छाया पड़ा है, जिसने शहर की सुरक्षा की नींव हिला दी है। करनैल सिंह पार्क के पास हुई सनसनीखेज छिनतई और मारपीट की घटना महज अपराध की कहानी नहीं है, बल्कि चित्तरंजन केजी अस्पताल में सुरक्षा कर्मी के रूप में तैनात बिमल मंडल, बंटी मंडल एवं झारखंड निवासी जीवन मंडल और राहुल मंडल दी गई घटना के बाद सुरक्षा व्यवस्था पर गहरा संकट उजागर कर रही है। इससे भी अधिक चिंताजनक बात यह है कि ये सभी आरोपी कथित तौर पर रूपनारायणपुर के डाबर मोड़ निवासी सनत मंडल के रिश्तेदार या पूर्व परिचित हैं।
इस घटना ने लोगों के मन में गहरा भय और गुस्सा पैदा कर दिया है, जब सुरक्षा का वादा करने वाले ही अपराध की राह पर चल पड़ें, तो शांति का यह शहर किसके सहारे बचेगा? बीते शनिवार की शाम अपने घर से चित्तरंजन गये युवक-युवती की साथ घटी घटना ने सब को चम्भित कर दिया। सीपीवीएफ से मिलती जुलती ड्रेस पहने आरोपियों ने खुद को पुलिस और केंद्रीय बल के सदस्य के रूप में पेश किया और प्रेमी जोड़े का रास्ता रोक लिया। उन्होंने उनके मोबाइल फोन छीन, 50 हजार रुपये की फिरौती मांगी, यही नही ना देने पर केस में फंसाने की धमकी दी। डरे-सहमे युवक-युवतियों ने घटना के बाद चित्तरंजन थाना में शिकायत दर्ज कराई तो पुलिस की त्वरित जांच में सनसनीखेज जानकारी सामने आई। झारखंड के मोहनपुर निवासी बिमल मंडल और सनत मंडल का पुत्र बंटी मंडल दोनों चित्तरंजन केजी अस्पताल में निजी सुरक्षा गार्ड के रूप में काम करते हैं। अन्य दो झारखंड निवासी जीवन मंडल और झारखंड के रंगशोला निवासी सनत मंडल के परिचित हैं।
और चित्तरंजन केजी अस्पताल में तैनात है। जहां रोजाना सैकड़ों मरीज, उनके परिजन और बच्चे इलाज के लिए आते हैं। सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाल रहे बिमल मंडल और बंटी मंडल की संलिप्तता ने शहरवासियों के मन में भय उत्पन्न कर दिया हैं। बीमारों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार लोग ही जब वर्दी का इस्तेमाल अपराध के लिए करते हैं, तो भरोसे की नींव हिल जाती है। एक स्थानीय निवासी ने गुस्से में कहा, 'हम अस्पताल में सुरक्षा की उम्मीद लेकर जाते हैं, लेकिन जब हमें पता चलता है कि सुरक्षा गार्ड ही अपराधी हैं, तो हम कहां जाये?' यह घटना महज छिनतई नहीं, बल्कि सुरक्षा व्यवस्था में गहरी खामियों और प्रशासन की लापरवाही का खुला प्रतिबिंब है। शहरवासियों का आरोप है कि चित्तरंजन और रूपनारायणपुर में योग्य बेरोजगार युवाओं के होने के बावजूद झारखंड के लोगों को सुरक्षा गार्ड के रूप में नियुक्त किया जा रहा है। संदेह है कि इसके पीछे राजनीतिक नेताओं और ठेकेदारों का अदृश्य हाथ है।
निजी सुरक्षा कंपनियों की भर्ती प्रक्रिया भी सवालों के घेरे में है। बिमल मंडल और बंटी मंडल जैसे लोग इतने संवेदनशील पदों पर कैसे पहुंच गए? क्या वाकई उनकी पृष्ठभूमि या प्रशिक्षण की जांच की कोई प्रक्रिया अपनाई गई या फिर नंबर भरने के नाम पर उनकी योग्यता को नजरअंदाज कर दिया गया?
एक सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा, 'यह अपराध न केवल विश्वास पर हमला है, बल्कि प्रशासन की अक्षमता का भी प्रमाण है। यदि इस बार भी सख्त कार्रवाई नहीं की गई, तो ऐसी घटना शहर की शांति को लील जाएगी। पुलिस ने आरोपियों को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ शुरू कर दी है। लेकिन केवल सजा देना ही इस संकट का समाधान नहीं है। भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता लाई जानी चाहिए, योग्यता के आधार पर स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता दी जानी चाहिए और सुरक्षा कंपनियों की पृष्ठभूमि जांच प्रक्रिया को सख्त किया जाना चाहिए।
चित्तरंजन केजी अस्पताल में बिमल मंडल और बंटी मंडल जैसे लोगों की जगह जिम्मेदार सुरक्षा गार्डों की नियुक्ति जरूरी है, ताकि मरीजों और उनके परिजनों की सुरक्षा बरकरार रहे। करनैल सिंह पार्क की घटना चित्तरंजन में गहरे सुरक्षा संकट, स्थानीय बेरोजगारी के सुलगते गुस्से और कथित तौर पर सनत मंडल जैसे प्रभावशाली लोगों की छत्रछाया में फैलते अपराध का स्पष्ट प्रतिबिंब है। प्रशासन के सामने अब एक ही सवाल है- क्या वे इस घटना की गहराई में जाएंगे और सनत मंडल के शामिल होने की जांच करेंगे। या यह भी अतीत की तरह धूल में मिल जाएगा?