Asansol News : कोलियरी के ओसीपी के तीन सीम में भीषण आग, इलाके में अफरा-तफरी (देखिए वीडियो)

गौरतलब है कि कोयला खदान में आग लगने की यह पहली घटना नहीं है। पहले भी कई मामलों में कोयला खदान में कई बार कोयले की सीम में ऑक्सीजन के संपर्क में आ गई थी, जिससे कोयले की सीम में आग लग गई थी।

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Jagganath Mondal
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OCP fire at raniganj

fire in three seams of OCP

टोनी आलम, एएनएम न्यूज़ : रानीगंज (Raniganj) के बांशरा कोलियरी (Colliery) के ओसीपी (OCP) के तीन सीम में भीषण आग लगने से अफरा-तफरी मच गई। शनिवार सुबह से ही कोयले की खदान से धुआं निकलता देख क्षेत्र के लोग सहम गए। बाद में स्थानीय क्षेत्र के निवासियों ने दूर से देखा कि कोयले की खदान में कोयले की परत में तीन गढ्ढों में आग जल रही है। और जैसे-जैसे यह आग कोयले की परत में फैलती जा रही है, कोयले की परत तेज आवाज के साथ फट रही है। बाद में जब ईसीएल की उस कोलियरी के अधिकारियों को घटना की जानकारी मिली तो उन्होंने इसकी जानकारी क्षेत्रीय कार्यालय को दी और कुनुस्तोड़िया क्षेत्र के महाप्रबंधक मौके पर पहुंचे। लेकिन इससे पहले जब अग्निशमन विभाग को इस आग की सूचना मिली तो उन्होंने कोयला खदान की गहरी गुहा में आग देखी, उनके लिए वहां तक ​​पहुंचना आसान नहीं था, उन्होंने काफी कोशिश के बाद लौटने का फैसला लिया। ओसीपी क्षेत्र में जाकर देखा गया तो तीन खड्डों से धुआं निकल रहा था। अनुमान है कि तेज धूप के कारण उसमें आग लगी थी और आग की लपटे देखी जा सकती थीं‌। लेकिन मजे की बात यह है कि जहां यह आग लगी थी, उसके ठीक बगल में ईसीएल ने ओसीपी से पानी निकाल दिया, जिससे खदान का पानी आसपास के एक बड़े इलाके में जमा हो गया। जिससे इलाके में बाढ़ सी आ गई, जिसे ग्रामीणों ने ईसीएल से उस जगह का अधिग्रहण कर उनके लिए रोजगार उचित मुआवजे की मांग की थी। लेकिन वहां के जलस्तर को हटाने के लिए ईसीएल द्वारा कोई पहल नहीं की गई। इसलिए जब कोयले की खदान में आग लगी तो क्षेत्र के लोगों ने ईसीएल द्वारा कोयला खदान की सतह पर जमा पानी को काटकर इस पानी को कोयला खदान में डालनेने की पहल की तो क्षेत्र के ग्रामीणों ने ईसीएल अधिकारियों को रोका। उनका दावा था कि यदि ईसीएल उचित मुआवजा देंगी, तभी वह उस हिस्से से पानी काट कर खदान में प्रवेश कराने देंगे। अंत में कोयला खदान के महाप्रबंधक के निर्देश पर ईसीएल के अधिकारियों ने ग्रामीणों के विरोध का सामना करते हुए जलती हुई जगह को मिट्टी की परत से भरकर कोयला खदान की आग बुझाने की पहल की। गौरतलब है कि कोयला खदान में आग लगने की यह पहली घटना नहीं है। पहले भी कई मामलों में कोयला खदान में कई बार कोयले की सीम में ऑक्सीजन के संपर्क में आ गई थी, जिससे कोयले की सीम में आग लग गई थी। नतीजतन, कई क्षेत्रों में इन ओसीपी के आसपास हुए धसान होते हुए देखा गया है। 

बांशड़ा (Bashra) के रहने वाले  अब इस कोयले की खदान में लगी आग से दहशत में हैं। उनका दावा है कि अगर कोयले की खदान में लगी आग को ठीक से नहीं बुझाया गया, तो आग कोयला सीम तक फैल जाएगी, जिससे पुरे क्षेत्र में आग फैल जाएगी जिसके परिणामस्वरूप भु धसान जैसी घटनाएँ हो सकती हैं। गौरतलब हो कि जहां यह कोयला खदान स्थित है, वहां से कुछ दूरी पर एक रेलवे लाइन है और कई लोगों ने आशंका जताई है कि इससे महज कुछ सौ मीटर की दूरी पर स्थित इस कोयले की खदान में आग लगने से इंडियन ऑयल की पाइपलाइन प्रभावित हो सकती है। वहीं इस ओसीपी के नीकट एक अंडर ग्राउंड खदान है वह भी प्रभावित हो सकती है। ईसीएल के अधिकारियों ने कहा कि उन्हें मामले की जानकारी है। वे बहुत जल्द इस समस्या को दूर करते हुए कोयले की खदान में लगी आग को बुझाने के लिए कदम उठा रहे हैं। अब देखना यह है कि इस ओसीपी में ईसीएल द्वारा आग कैसे बुझाई जाती है।