चित्तरंजन एरिया 6 दुर्गापूजा थीम - "एक पेड़, एक प्राण' (Video)

पंडाल में कुल 21 तरह के पेड़-पौधों का उपयोग किया गया है, जिनमें सजावटी और फलदार पौधे जैसे पत्ताबहार, एरिका, जवा और अमरूद शामिल हैं। यह विविधता पंडाल की सुंदरता को और बढ़ा रही है और हरियाली का एक मनोरम दृश्य प्रस्तुत कर रही है।

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Jagganath Mondal
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Chittaranjan Area 6 Durga Puja Theme - 'One Tree, One Life'

Chittaranjan Area 6 Durga Puja Theme - 'One Tree, One Life'

राहुल तिवारी, एएनएम न्यूज़ : चित्तरंजन एरिया 6 दुर्गोत्सव समिति इस वर्ष अपनी 74वीं दुर्गा पूजा एक बेहद खास और अनूठे संदेश के साथ मना रही है। "एक पेड़, एक प्राण" की थीम पर बना यह पंडाल, प्रकृति की गोद में समाया हुआ सा प्रतीत हो रहा है और हर आने वाले को पर्यावरण बचाने की प्रेरणा दे रहा है।

पिछले पांच महीनों से, पूजा समिति के सदस्यों ने इस पंडाल को तैयार करने में कड़ी मेहनत की है। करीब 7,500 से 8,000 पौधों का इस्तेमाल कर इस पंडाल को एक हरा-भरा रूप दिया गया है। पंडाल के संरक्षक बप्पा कुंडु और महासचिव सुशांत मंडल ने बताया कि कोरोना महामारी के दौरान लोगों ने ऑक्सीजन की कमी को करीब से महसूस किया था। इसी अनुभव से प्रेरणा लेकर, उन्होंने इस साल यह थीम चुनी ताकि लोगों को अधिक से अधिक पेड़ लगाने के लिए प्रेरित किया जा सके।

थीम के अनुरूप देवी प्रतिमा और पौधों का चयन पंडाल की थीम को और अधिक जीवंत बनाने के लिए, देवी प्रतिमा को भी विशेष रूप से तैयार किया गया है। मिट्टी से बनी यह प्रतिमा, पत्तों से ढकी हुई दिखाई देती है, जो यह दर्शाती है कि माँ दुर्गा स्वयं प्रकृति की रक्षा कर रही हैं। पंडाल में कुल 21 तरह के पेड़-पौधों का उपयोग किया गया है, जिनमें सजावटी और फलदार पौधे जैसे पत्ताबहार, एरिका, जवा और अमरूद शामिल हैं। यह विविधता पंडाल की सुंदरता को और बढ़ा रही है और हरियाली का एक मनोरम दृश्य प्रस्तुत कर रही है।

भविष्य के लिए एक सार्थक पहल इस पूजा का सबसे प्रेरणादायक पहलू यह है कि समिति सिर्फ संदेश देकर ही नहीं रुक रही है, बल्कि उसे अमल में भी ला रही है। पूजा समाप्त होने के बाद, समिति हर परिवार को एक-एक पौधा उपहार में देगी ताकि वे अपने घरों में एक नया जीवन शुरू कर सकें। यह पहल न केवल लोगों को प्रकृति से जोड़ेगी, बल्कि उन्हें पर्यावरण संरक्षण की जिम्मेदारी का भी एहसास कराएगी।

चित्तरंजन के एरिया 6 दुर्गोत्सव ने हमेशा अपनी अनूठी थीम के लिए सुर्खियाँ बटोरी हैं। पिछले साल, अख़बारों से बना पंडाल डिजिटल युग में प्रिंट मीडिया के महत्व पर प्रकाश डाल रहा था। इस बार का "ग्रीन मैसेज" भी लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है, और यह उम्मीद जगाता है कि यह पहल आने वाले समय में एक बड़े आंदोलन का रूप ले सकती है। इस साल की दुर्गा पूजा सिर्फ एक उत्सव नहीं, बल्कि एक सबक बन गई है—कि प्रकृति का सम्मान करना ही हमारे जीवन का सबसे बड़ा धर्म है।