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Searsole Rajbari
एएनएम न्यूज़, ब्यूरो : रानीगंज के सियारसोल राज परिवार के कुलदेवता श्री श्री दामोदर चंद्र जीउ (ठाकुर) से संबंधित भूमि राजबाड़ी देवत्तर संपत्ति पर बॉलीवुड नाइट कार्यक्रम रद्द।
स्थानीय लोगों के मुताबिक स्थानीय क्लब "सियारसोल स्पोर्ट्स एंड कल्चरल एसोसिएशन" के कुछ सदस्यों द्वारा 15 और 16 नवंबर, 2025 को क्षेत्र के एक प्रमुख मैदान "गोल बागान" पर बॉलीवुड गायकों के साथ 'म्यूजिकल नाइट' कार्यक्रम की मेजबानी के बहाने सियारसोल क्षेत्र में बगीचों, पार्कों और इमारतों सहित देबत्तर भूमि को जबरदस्ती कब्जे में लेने की गहरी साजिश कर रही थी। श्री दामोदर चंद्र जीउ (ठाकुर) के सेवायतों सहित एसएससीए के अध्यक्ष श्री बिट्ठल नाथ मालिया ने श्री रामकृष्ण चेतना संघ के निकट स्थित पवित्र भूमि के उपयोग पर आपत्ति जताई थी, क्योंकि वहां फिल्मी गीतों का अश्लील प्रदर्शन होगा जो क्षेत्र में भक्तों और आम लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाएगा। लगभग 200 भक्तों ने इसका विरोध करते हुए रानीगंज पुलिस स्टेशन में एक हस्ताक्षरित सामूहिक याचिका प्रस्तुत की थी।
इसके बाद क्लब द्वारा यह मामला कलकत्ता हाई कोर्ट तक जा पहुंची। माननीय न्यायमूर्ति शुभ्रा घोष ने दोनों पक्षों द्वारा प्रस्तुत सभी प्रासंगिक दस्तावेजों का ध्यानपूर्वक अध्ययन करने के बाद मामले का निपटारा यह कहते हुए किया कि एसएससीए को कोई अनुमति नहीं दी जा सकती क्योंकि 'गोल बागान' एक देबत्तर की संपत्ति है और परिसर का उपयोग करने की अनुमति विशेष रूप से सेवायतों पर निर्भर करती है, जिसके बिना एनओसी नहीं दी जा सकती। माननीय न्यायमूर्ति ने इन परिस्थितियों में एनओसी न देने के पुलिस अधिकारियों के निर्णय को बरकरार रखा।
यह भारत में मौजूद सभी देबत्तर संपत्तियों के लिए एक ऐतिहासिक फैसला है, जहाँ देबत्तर भूमि का उपयोग करने से पहले सेवियों से लिखित अनुमति लेना कानूनी रूप से बाध्यकारी/ अनिवार्य बना दिया गया है। इस कानूनी घोषणा से उन अफवाहों पर भी पूर्ण विराम लग जाएगा कि सियारसोल के राजाओं की भूमि का एक बड़ा हिस्सा रानीगंज और उसके आसपास के विभिन्न क्लबों/ संघों के पास या तो निहित है या उनके स्वामित्व में है।
श्रीमती अनुराधा मालिया सराफ, श्री बिठलनाथ मालिया और श्री श्री दामोदर चंद्र जीउ देबत्तर (ठाकुर) के अन्य न्यासी कलकत्ता उच्च न्यायालय के माननीय न्यायाधीश के प्रति अत्यंत आभारी हैं कि उन्होंने अपने कुल देवता की देबत्तर संपत्तियों की पवित्रता की रक्षा की है, जिसका दूरगामी प्रभाव पड़ेगा, देश में संपत्तियों को भू-माफियाओं और असामाजिक समुदायों से बचाया जाएगा। यह भी उल्लेख करना महत्वपूर्ण है कि माननीय न्यायमूर्ति शुभ्रा घोष ने पुलिस को सेवियों से एन.ओ.सी. प्राप्त करने में हस्तक्षेप या सहयोग करने से रोक दिया है। हाई कोर्ट के इस आदेश को लेकर शनिवार ठाकुर जी के मुख्य सेवाइत श्रीमती अनुराधा मालिया सराफ ने एक सभा कर लोगो को अवगत कराया। उच्च न्यायालय के फैसले की सराहना की है। ट्रस्ट के सेवायत और पुजारियों के साथ-साथ सभी भक्तों और आम लोगों ने माननीय कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को इस निर्णय के लिए हार्दिक धन्यवाद दिया है।
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