सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ आसनसोल में प्रदर्शन

सुप्रीम कोर्ट ने 8 सप्ताह के अंदर शेल्टर होम बनाने और शुरूआत में 5000 कुत्तों की क्षमता वाले शेल्टर होम तैयार करने का निर्देश दिया।

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Jagganath Mondal
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Animal lovers protested in Asansol against the decision of the Supreme Court

Animal lovers protested in Asansol against the decision of the Supreme Court

एएनएम न्यूज़, ब्यूरो : पश्चिम बंगाल आसनसोल के बीएनआर मोड़ स्थित रबिन्द्र भवन के सामने सैकड़ों पशु प्रेमियों ने सुप्रीम कोर्ट के द्वारा जारी किए गए सरकुलर जिसमे सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार, नगर निगम (MCD), न्यू दिल्ली म्युनिसिपल काउंसिल (NDMC) और नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम के स्थानीय निकायों को आदेश दिया कि तत्काल प्रभाव से आवारा कुत्तों को सड़कों से हटाकर शेल्टर होम में भेजा जाए। सुप्रीम कोर्ट ने 8 सप्ताह के अंदर शेल्टर होम बनाने और शुरूआत में 5000 कुत्तों की क्षमता वाले शेल्टर होम तैयार करने का निर्देश दिया।

साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने आदेश देते हुए सख्त चेतावनी दी कि अगर कोई व्यक्ति, संगठन या पशु प्रेमी आवारा कुत्तों को पकड़ने की प्रक्रिया में बाधा डालता है, तो इसे सुप्रीम कोर्ट की अवमानना माना जाएगा और उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई होगी। बल प्रयोग करने की अनुमति भी दी गई है। कुत्तों के काटने पर शिकायत के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी करने और शिकायत मिलने के 4 घंटे के अंदर संबंधित कुत्ते को पकड़कर नसबंदी (स्टरलाइजेशन) और टीकाकरण (इम्यूनाइजेशन) करने के बाद शेल्टर होम में भेजने का भी आदेश दिया है। 

यह आदेश आवारा कुत्तों के द्वारा लोगों के ऊपर हमले किये जाने और उस दौरान उनको काटने की घटनाओं को कम करने के उदेश्य से लिया गया, साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने लोगों को अपने सरकुलर मे बचे हुए खाद्य पदार्थों और कूड़े का निपटान सही तरीके से ढके हुए कूड़ेदान में ही करें। ऐसा करने से कुत्ते के काटने की घटनाएं कम होंगी। यह आदेश भी दिया है, जिस आदेश से देश के कई पशु प्रेमी खुश नही हैं और इस फैसले का विरोध जताते हुए जगह -जगह प्रदर्शन कर रहे हैं। आसनसोल मे भी वैसा ही प्रदर्शन देखा गया, जिसमे पशु प्रेमियों ने आवारा कुत्तों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी किए गए सरकुलर का विरोध जताते हुए, सुप्रीम कोर्ट से यह अपील की के वह अपने फैसले को वापस लें और आवारा कुत्तों को किसी होम मे नही डालकर कोई और रास्ता अपनाएं, जिससे आवारा कुत्ते सड़कों पर रहकर किसी को नुकसान ना पहुँचा सकें, इसके अलावा उन्होंने आवारा कुत्तों को लेकर अपनी गहरी चिंता जताते हुए कहा की आवारा कुत्ते खुले मे रहते हैं, उनको खुले मे रहने का आदत है, वह सेल्टर मे कैद रहकर नही रह सकते, साथ ही सेल्टर मे रहकर उनको वैसा खान पाना भी उपलब्ध नही हो पाएगा जैसा की वह सड़क पर रहकर विभिन्न संस्थाओं के द्वारा पाते हैं। 

अगर सुप्रीमकोर्ट को उनके खिलाफ कुछ फैसला ही लेना था तो वह उनके प्रजनन के ऊपर लेते उनका समय -समय पर लाइगेशन करवाते, उनका टीकाकरण करवाते ऐसा करने पर उनकी संख्या भी नही बढ़ती और कुत्तों के द्वारा लोगों के ऊपर हमले करने की घटना भी कम होती, आवारा कुत्तों के लिये आसनसोल मे हो रहे प्रदर्शन के दौरान पशु प्रेमी चंदना मुख़र्जी, लिपिका चक्रवर्ती, तारा नाग सहित कई पशु प्रेमी मुख्य रूप से उपस्थित थे।