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A hyena that had entered a house was safely rescued
राहुल तिवारी, एएनएम न्यूज़ : सालानपुर थाना के समीप स्थित निमाई प्रमाणिक के घर में घुसे लकड़बग्घे को 18 घंटे बाद शनिवार दोपहर रेस्कयू किया। घर से रेस्कयू कर वन विभाग ने बड़े लकड़बग्घे को सफलतापूर्वक पिंजरे में कैद कर लिया। रेस्क्यू में वन विभाग के सहियोग पुलिस एवं स्थानीय लोगों ने किया।
स्थानीय लोगो के अनुसार बीते शुक्रवार रात करीब 9 बजे सालानपुर थाना के समीप सालानपुर गांव निवासी निमाई प्रमाणिक के घर के आंगन में अचानक दो बड़े लकड़बग्घे दिखाई दिए। भगाने की कोसिस के दौरान एक लकड़बग्घा तो भागने में सफल रहा, लेकिन दूसरा लकड़बग्घा घर के बगल में स्थित एक छोटे से कमरे स्टोर रूम में जा घुसा। जिसके बाद डरे हुए घरवालों ने जल्दी से कमरे का दरवाज़ा बाहर से बंद कर दिया। जिससे लकड़बग्घा कमरे के अंदर ही फंसा रहा। वही कमरा बन्द होने से लकड़बग्घा पूरी रात उस कमरे में बिस्तर के नीचे छिपा रहा। किसी भी अनहोनी से बचने के लिए, कमरे की खिड़कियाँ और दरवाज़े पूरी तरह बंद कर घर के निवासी सुरक्षित स्थान पर चले गए। शनिवार सुबह जैसे ही खबर इलाके में फैली, निमाई प्रमाणिक के घर के बाहर गांववालों की एक बड़ी भीड़ जमा हो गई।
सूचना पाकर रूपनारायणपुर रेंज कार्यालय से वन अधिकारी पिंजरे के साथ मौके पर पहुँचे। काफी देर इंतज़ार करने के बाद भी जब लकड़बग्घा कमरे से बाहर नहीं आया, तो वनकर्मियों ने खिड़की से छोटे पटाखे फोड़े। पटाखों की आवाज़ से डरकर, लकड़बग्घा तेज़ी से बिस्तर के नीचे से निकला और दरवाज़े से भागने की कोशिश की, और इसी कोशिश में वह लगाए गए पिंजरे में फंश गया।
आसनसोल टेरिटोरियल रेंज ऑफिसर बिस्वजीत सिकदर ने रेस्क्यू के बिषय में कहा कि यह ऑपरेशन वन विभाग, गांव वालों, पुलिस और कई जागरूक सामाजिक कार्यकर्ताओं के सहयोग से ही सफल हो पाया है। उन्होंने पुष्टि की कि पकड़े गए लकड़बग्घे को जल्द ही बर्दवान चिड़ियाघर भेजा जाएगा।
वही स्थानीय लोगों ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि दो में से एक लकड़बग्घा भाग गया है, और उसे भी ढूंढकर सुरक्षित पकड़ना ज़रूरी है। इस पर, रेंज अधिकारी ने स्थानीय को स्पष्ट किया कि इलाके में कई कोयले की खदानें होने के कारण लकड़बग्घे प्राकृतिक रूप से यहाँ रहते हैं।
उन्होंने गाँव वालों को आश्वासन दिया कि लकड़बग्घे आमतौर पर इंसानों को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे किसी भी वन्यजीव को परेशान न करें।
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