दुर्गापुर में थाईलैंड के 'वाट अरुण' की झलक!

इस बार, दक्षिण पूर्व एशिया की इस पारंपरिक वास्तुकला की भव्यता दुर्गापुर के हृदय में प्रत्यक्ष रूप से अंकित होगी। 58 वर्षों की गौरवशाली यात्रा के बाद, यह पूजा समिति आज एक स्वर्णिम अध्याय में प्रवेश कर गई है। 

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Jagganath Mondal
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Wat Arun in Durgapur

Wat Arun in Durgapur

स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: दुर्गापुर की अग्रणी सांस्कृतिक परिषद इस वर्ष अपनी पूजा में एक अनोखा आश्चर्य लेकर आ रही है। इस वर्ष का मंडप थाईलैंड के प्रसिद्ध 'वाट अरुण' या अरुण मंदिर के रूप में सुसज्जित है।

इस बार, दक्षिण पूर्व एशिया की इस पारंपरिक वास्तुकला की भव्यता दुर्गापुर के हृदय में प्रत्यक्ष रूप से अंकित होगी। 58 वर्षों की गौरवशाली यात्रा के बाद, यह पूजा समिति आज एक स्वर्णिम अध्याय में प्रवेश कर गई है। 

कुशल कारीगरों के गहन परिश्रम से, मंडप के हर विवरण में थाई कला और वास्तुकला का उत्कृष्ट सौंदर्य प्रकट होता है। विशाल प्रांग (मीनार), रंग-बिरंगी मोज़ेक टाइलें और अरुण मंदिर की सूर्योदय की चमक आगंतुकों को तुरंत बैंकॉक की चाओ फ्राया नदी के तट पर ले जाएगी। 

आज अग्रणी सांस्कृतिक परिषद के उद्घाटन समारोह में राज्य के ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री प्रदीप मजूमदार, जिलाधिकारी पुन्नम्बलम एस, उप-विभागीय मजिस्ट्रेट सौरभ चटर्जी, आसनसोल दुर्गापुर उन्नयन परिषद के अध्यक्ष काबी दत्ता, राज्य आईएनटीटीयूसी अध्यक्ष रीताब्रत बनर्जी और पांडवेश्वर विधायक एवं तृणमूल जिला अध्यक्ष नरेंद्रनाथ चक्रवर्ती उपस्थित थे।