एएनएम न्यूज, ब्यूरो: देश भर में हर साल यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा परिणाम की चर्चा होती है। परिणाम, जब भी घोषित किए जाते हैं तो अमूमन हर कोई जानना चाहता है कि किस राज्य के और किस बैकग्राउंड के कैंडिडेट्स ने इस एग्जाम में टॉप किया और कौन कौन सफल हुआ। लेकिन कभी आपने सोचा है कि सबसे पहले इस परीक्षा में किसने सफलता पाई थी और कौन था देश का पहला आईएएस अफसर। कब शुरू हुई थी यूपीएससी की पहली परीक्षा। आपको हम बताते है कि 1855 में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की शुरुआत यूं तो अंग्रेजी के द्धारा की गई थी। उस वक्त तक इस सेवा पर ज्यादातर ब्रिटिश हुकुमत का ही ज्यादातर अधिकार था। भारत में पहली बार देश के सर्वोच्च प्रशासनिक पदों पर सेवाएं देने का मौका देने वाली संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा (CSE) की शुरुआत देश में साल 1922 में हुई थी। पहले इस परीक्षा को इंडियन इंपेरियल सर्विस के नाम से जाना जाता था। हालांकि, बाद में यह परीक्षा संघ लोक सेवा आयोग के नाम से जानी जाने लगी। देश के पहले IAS अफसर का नाम सत्येंद्र नाथ टैगोर थे। सत्येंद्र नाथ कोलकाता से ताल्लुक रखते थे। वह प्रेजिडेंसी कॉलेज के छात्र थे। आईएएस अफसर के परिवार में उनकी पत्नी जनांदनंदनी टैगोर, बेटा सुरेंद्र नाथ टैगोर और बेटी इंदिरा देवी थी। पहली बार यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास कर आईएएस बनने वाले सत्येंद्र नाथ टैगोर एक कवि भी थे। उन्होंने बांग्ला और इंग्लिश में कई किताबें भी लिखीं थीं। सत्येंद्र नाथ टैगोर के बाद चार अन्य भारतीयों ने भी इस परीक्षा में सफलता पाई थी।