एएनएम न्यूज़, ब्यूरो: सुप्रीम कोर्ट ने जूनियर डॉक्टरों को काम पर लौटने का आदेश दिया है। देश के विभिन्न अस्पतालों में इलाज करा रहे गरीब लोग अब परेशानी में हैं क्योंकि डॉक्टरों की पूर्ण हड़ताल के कारण उन्हें इलाज के बिना रहना पड़ रहा है। हालांकि डॉक्टरों का आंदोलन शुरुआत में अपनी विभिन्न मांगों को लेकर था लेकिन अब इसका असर स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ने लगा है।
सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक, डॉक्टरों की हड़ताल स्वास्थ्य सेवा में "खतरे की संस्कृति" पैदा कर रही है। कोर्ट ने साफ कर दिया है कि अगर जूनियर डॉक्टर जल्द काम पर नहीं लौटे तो उनके खिलाफ अन्य कार्रवाई की जायेगी। हालाँकि, अदालत ने कोई ठोस कदम की घोषणा नहीं की, जिससे डॉक्टरों में चिंता बढ़ गई। दूसरी ओर, सवाल उठाया गया है कि क्या जूनियर डॉक्टरों का रजिस्ट्रेशन रद्द किया जाएगा? अदालत ने डॉक्टरों का पंजीकरण रद्द करने की धमकी देकर उनकी हड़ताल के महत्व पर प्रकाश डाला।
अब स्थिति बहुत जटिल है। डॉक्टर अपनी मांगों को लेकर आंदोलन जारी रख सकते हैं लेकिन अपने काम में अदालती आदेशों की अवहेलना करने पर गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। मरीजों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए त्वरित समाधान की आवश्यकता है, ताकि गरीब और कमजोर लोगों को उचित इलाज मिल सके।