टीएमसीपी करने पर नौकरी ? शिक्षा राज्य मंत्री ने खोला मुंह

जयप्रकाश मजूमदार ने स्पष्ट किया कि ऐसा कभी नहीं हो सकता कि किसी को सिर्फ इसलिए नौकरी मिल जाए क्योंकि उसने टीएमसीपी किया है। 

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Jagganath Mondal
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Minister of State for Education Jayprakash Majumdar

Minister of State for Education Jayprakash Majumdar

एएनएम न्यूज़, ब्यूरो : राज्य के कॉलेजों में अस्थायी नियुक्तियों को लेकर एक बार फिर राजनीतिक तनाव बढ़ गया है। तृणमूल छात्र परिषद से जुड़े कई लोगों को कॉलेजों में अस्थायी तौर पर नियुक्त किए जाने के आरोपों पर गरमागरम बहस छिड़ गई है। इस संदर्भ में शिक्षा राज्य मंत्री जयप्रकाश मजूमदार ने अपना मुंह खोला है और 'सफाई' देने की कोशिश की है। जयप्रकाश मजूमदार ने स्पष्ट किया कि ऐसा कभी नहीं हो सकता कि किसी को सिर्फ इसलिए नौकरी मिल जाए क्योंकि उसने टीएमसीपी किया है।

उन्होंने दावा किया, "अगर किसी को गलत तरीके से नौकरी मिली है, तो उस मामले की जांच होना चाहिए। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि ये नियुक्तियां 'स्थायी' नौकरियां नहीं हैं, बल्कि अस्थायी या संविदा के आधार पर हैं।

इस बीच, कॉलेज में 'मनोजीत मॉडल' के नाम से मशहूर भर्ती प्रणाली को लेकर गुस्सा है। आरोप है कि छात्रों को राजनीति में शामिल होने पर ही लाभ मिलता है। इस संदर्भ में विपक्ष सवाल उठा रहा है कि क्या यह भर्ती योग्यता के आधार पर हो रही है या राजनीतिक पहचान को तरजीह दी जा रही है?

इस संदर्भ में जयप्रकाश की सफाई को लेकर राजनीतिक समुदाय में तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। सूत्रों का कहना है कि सत्ताधारी दल के भीतर कुछ लोग इस मुद्दे पर असहजता व्यक्त कर रहे हैं।

इस घटना के बीच राज्य के शैक्षणिक संस्थानों में पारदर्शिता को लेकर नए सवाल खड़े हो गए हैं। नौकरी चाहने वालों में अनिश्चितता और गुस्सा फिर से लौट आया है- "क्या योग्यता नहीं, पहचान ही एकमात्र मानदंड है?"