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Chief Electoral Officer held an all-party meeting
एएनएम न्यूज़, ब्यूरो : शुक्रवार मुख्य निर्वाचन अधिकारी, पश्चिम बंगाल के कार्यालय में मतदान केंद्रों के युक्तिकरण पर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक आयोजित की गयी। इस बैठक से पहले ही मुख्य निर्वाचन अधिकारी की ओर से सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के साथ ईमेल के माध्यम से साझा किया जा चुका था जिसमें उनसे 14 अगस्त 2025 तक अपनी टिप्पणियाँ प्रस्तुत करने का अनुरोध किया गया था।
इस बैठक में अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस ने मतदाताओं के लिए अपने मतदान केंद्रों तक पहुँचने के लिए अधिकतम 2 किमी की यात्रा दूरी के चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों पर आपत्ति जताई। उन्होंने यह सुझाव दिया गया कि यदि संभव हो तो उसी परिसर में नए मतदान केंद्र स्थापित किए जा सकते हैं।
भाजपा और माकपा दोनों ने पाया कि राजनीतिक दलों की आपत्तियों और वैकल्पिक प्रस्तावों को जिला चुनाव अधिकारियों द्वारा प्रस्तुत बैठकों के कार्यवृत्त में दर्ज नहीं किया गया था। उन्होंने आगे कहा कि कार्यवृत्त में यह तर्क कि नए अनुशंसित मतदान केंद्रों के स्थानों को सभी राजनीतिक दलों ने सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया है, सत्य नहीं है और अध्यक्ष से अनुरोध किया कि वे इसके लिए जिला चुनाव अधिकारियों को जवाबदेह बनाएँ। भाजपा ने ऊँची इमारतों के परिसर में मतदान केंद्रों को अधिसूचित करने का मुद्दा उठाया, लेकिन अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई क्योंकि मतदान केंद्रों को आमतौर पर निजी परिसर में स्थापित करने की अनुमति नहीं होती है।
सभी राजनीतिक दलों ने नए मतदान केंद्रों के लिए अपनी आपत्तियाँ और वैकल्पिक प्रस्ताव प्रस्तुत करने के लिए अंतिम अवसर के रूप में 10 (दस) दिनों की अतिरिक्त अवधि मांगी। आगे विचार-विमर्श के बाद, सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि सभी राजनीतिक दल अपने वैकल्पिक प्रस्ताव और सुझाव, यदि कोई हों, 08.09.2025 को शाम 5 बजे तक, पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय में जमा कर दें। इसके बाद, प्राप्त सभी प्रस्तावों की सूची सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के साथ साझा की जाएगी। प्रस्तावों की विधानसभा क्षेत्रवार सूची संबंधित जिला निर्वाचन अधिकारियों को आगे की जाँच/ मूल्यांकन के लिए भेजी जाएगी और समय-समय पर चुनाव आयोग द्वारा अधिसूचित पात्रता मानदंडों के अनुसार सर्वोत्तम विकल्प के संबंध में अपनी अंतिम सिफारिश प्रस्तुत करने के लिए भेजी जाएगी।
इसके बाद सदन को बीएलए की नियुक्ति के दिशानिर्देशों के बारे में जानकारी दी गई और राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से अनुरोध किया गया कि वे नामांकन संशोधन कार्यों की प्रक्रिया में पारदर्शिता के लिए चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित प्रारूप में बीएलए 1 और बीएलए 2 के नाम यथाशीघ्र प्रस्तुत करें। प्रतिभागियों को बताया गया कि केवल प्रदेश अध्यक्ष या महासचिव ही प्रति ज़िले अधिकतम 3 या प्रति विधानसभा क्षेत्र अधिकतम एक बीएलए1 नियुक्त कर सकते हैं और उसकी एक-एक प्रति सीईओ, जिला निर्वाचन अधिकारी और निर्वाचन अधिकारी (ईआरओ) को सौंप सकते हैं।
केवल अधिकृत बीएलए1 ही अपने-अपने अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत प्रत्येक मतदान केंद्र के लिए बीएलए 2 नियुक्त कर सकते हैं और उसकी एक-एक प्रति ईआरओ और बीएलओ को सौंप सकते हैं। इस सुझाव के साथ ही बैठक समाप्त की गयी।
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