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Kul Devi Devta
एएनएम न्यूज़, ब्यूरो: कुलदेवी देवता हमारे परिवार की और हमारी हर प्रकार से रक्षा करते हैं। धन संपत्ति सुख आदि देते हैं। जब भी कोई नया या मांगलिक कार्य किया जाता है कुल के अपने देवी-देवता का आशीर्वाद जरूर लिया जाता है। यहां तक कि साल में एक बार कुल देवी और देवता की विधिवत पूजा अर्चना भी की जाती है। यह भी कहा जाता है अगर कुल के देवी देवता नाराज हो जाते हैं, तो आपके जीवन में कई तरह की कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। कुछ लोगों के मन में सवाल होता है कि कुल के देवी-देवता कौन हैं, इस बात का पता लगाएं कैसे?
कुलदेवी-देवता के बारे में आप अपने कुल पुरोहित अथवा अपने परिवार के बड़े बुजुर्ग नाना नानी, दादा दादी, चाचा चाचा या किसी अन्य बुजुर्ग से जान सकते हैं। कुलदेवी देवता के बारे में आप अपने पूर्वजों एवं कुटुंब के लोगों से भी जान सकते हैं। कई बार यह जानकारी उनके पास होती है और वह बता सकते हैं कि कौन से त्योहार पर किस देवी-देवता की पूजा होती थी अथवा होती है।
आपके कुल के देवी-देवता कौन हैं इस बात का पता कैसे लगाएं, ज्योतिषाचार्य से जानिएकुल देवी-देवता का नाम जानना और उनकी पूजा आराधना करना आध्यात्मिक धार्मिक कार्य ही नहीं सांस्कृतिक और भावनात्मक भी होता है। इससे हम अपने कुलदेवी-देवता से जुड़े रहते हैं, और उनका आशीर्वाद और कृपा हम पर बनी रहती है।
दूसरा तरीका यह है कि आप कभी भी किसी देवी के दर्शन करने जाएं तो वहां उपस्थित पुजारी अथवा पंड़ों से इस बारे में जानकारी लीजिए कि यह किस कुल के देवी देवता हैं। जिससे यह महत्वपूर्ण जानकारी आपको पता चल सकती है. कुछ पंडित या ज्योतिषाचार्य कुल वंशावली को देखकर बता सकते हैं कि आपके कुल देवी-देवता कौन हो सकते हैं।
आपकी जन्म कुंडली या परिवार के पुराने पूजा पाठ के रिकॉर्ड से भी जानकारी मिल सकती है। यदि आप जानते हैं कि आपके पूर्वज किस गांव अथवा क्षेत्र से आए थे, फिर आप वहां जाकर पुराने मंदिरों और स्थानीय पुजारी से पूछताछ कर आप अपने कुलदेवी देवता के बारे में जान सकते हैं। कई बार कुलदेवी देवता का मंदिर वहीं होता है और वहां से आपको प्रमाण मिल सकते हैं। शादी विवाह में अकसर गोत्रों के बारे में पूछा जाता है। एक गोत्र के लोगों में शादी विवाह वर्जित होता है। कुछ विशेष गोत्रों के साथ कुछ स्थान अथवा कुल देवता पारंपरिक रूप से जुड़े होते हैं।
आपके कुलदेवी देवता की जानकारी नहीं मिल रही है तो आप एक विशेष संकल्प लेकर किसी एक देवी-देवता को अपना कुल देवता अथवा कुल देवी मान सकते हैं लेकिन परंपरा से जुड़ना ज्यादा उचित माना जाता है। जिस घर में अथवा परिवार में कुलदेवी देवता की पूजा नियमित होती है उस घर परिवार में वाहन सुख, समृद्धि, सुख शांति, पारिवारिक उन्नति, व्यापारिक उन्नति, संतान सुख,आदि की प्राप्त होती है।