नवरात्रि के दूसरे दिन आज " माँ ब्रह्मचारिणी की चमत्कारी कथा"

मां ब्रह्मचारिणी का जन्म हिमालय के घर में हुआ। इन्होंने भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए हजारों वर्षों तक कठोर तपस्या की।

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Jagganath Mondal
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Maa Brahmacharini

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स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: आज नवरात्रि के दूसरे दिन मां दुर्गा के 'ब्रह्मचारिणी' रूप की पूजा की जाती है। इनका स्वरूप अत्यंत शांत, सौम्य और तेजस्वी है। ब्रह्मचारिणी का अर्थ है। ब्रह्म (तप/ज्ञान) का आचरण करने वाली।

कथा: मां ब्रह्मचारिणी का जन्म हिमालय के घर में हुआ। इन्होंने भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए हजारों वर्षों तक कठोर तपस्या की। उन्होंने फल-फूल त्यागकर केवल बेल-पत्र, फिर सूखे पत्ते, और अंत में निर्जल व निराहार रहकर तप किया। इनकी कठोर तपस्या से देवता, ऋषि-मुनि और स्वयं भगवान शिव भी प्रभावित हुए। अंततः भगवान शिव ने पार्वती (ब्रह्मचारिणी) को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया।