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स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: राम नगरी अयोध्या एक बार फिर दीपों की रोशनी से जगमगा उठी, जब दीपोत्सव 2025 के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भव्य आयोजन के तहत पूजा-अर्चना की। इस आयोजन की खास बात रही कि सीएम योगी ने मंच पर विराजमान भगवान राम और माता सीता बने कलाकारों की विधिवत पूजा कर सनातन परंपरा को सजीव किया।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में दीपोत्सव की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालते हुए कहा, “जब 2017 में पहली बार दीपोत्सव आयोजित करने का निर्णय लिया गया, तब अयोध्या में पर्याप्त मात्रा में दीप उपलब्ध नहीं थे। उस समय स्थानीय कुम्हार केवल 51 हजार दीपक ही बना सके थे, शेष दीप पूरे उत्तर प्रदेश से मंगवाए गए थे।”
श्री अयोध्या धाम स्थित राम कथा पार्क में 'दीपोत्सव-2025' के पावन अवसर पर श्री राम दरबार के साथ...#Deepotsav2025https://t.co/2H4oikFufF
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) October 19, 2025
योगी ने आगे कहा कि 2017 में उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद से हर वर्ष दीपोत्सव का आयोजन हो रहा है और अब यह एक राष्ट्रीय और वैश्विक पहचान वाला पर्व बन चुका है। इस अवसर पर अयोध्या की गलियों, घाटों और मंदिरों को दियों और रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया गया, जिससे पूरी नगरी दिव्य आलोक से चमक उठी। हालांकि, इस वर्ष कार्यक्रम में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और दोनों उपमुख्यमंत्री—केशव प्रसाद मौर्य एवं ब्रजेश पाठक शामिल नहीं हो सके।
अपने भाषण में मुख्यमंत्री ने दीपों के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा "ये दीप 500 वर्षों के अंधकार पर विजय के प्रतीक हैं। पहले भगवान श्रीराम तंबू में विराजते थे, आज वह भव्य राम मंदिर में विराजमान हैं। हर दीपक यह संदेश देता है कि 'सत्य परेशान हो सकता है, लेकिन पराजित नहीं।'"
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