कृषि नीति में होगा बड़ा बदलाव!

योजना के अनुसार, निजी मंडियों के लिए भूमि क्षेत्रफल, प्रतिभूति राशि और परियोजना लागत को घटाने की तैयारी है। साथ ही, आधारभूत सुविधाओं के विस्तार के लिए सरकार कई सहूलियतें और प्रोत्साहन देने पर विचार कर रही है।

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Jagganath Mondal
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स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: किसानों को उनकी फसलों का उचित मूल्य दिलाने के लिए नई रणनीति तैयार की है। इसके तहत निजी क्षेत्र में मंडियों की स्थापना को बढ़ावा देने के लिए नियमों को सरल बनाया जाएगा।

योजना के अनुसार, निजी मंडियों के लिए भूमि क्षेत्रफल, प्रतिभूति राशि और परियोजना लागत को घटाने की तैयारी है। साथ ही, आधारभूत सुविधाओं के विस्तार के लिए सरकार कई सहूलियतें और प्रोत्साहन देने पर विचार कर रही है।

दरअसल, बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने और किसानों को अधिक लाभकारी मूल्य दिलाने के उद्देश्य से राज्य सरकार निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित कर रही है। इसी कड़ी में वर्ष 2019 में उत्तर प्रदेश कृषि उत्पादन मंडी (21वां) संशोधन नियमावली बनाई गई थी।

इस नियमावली के तहत 17 प्रमुख नगरों में लाइसेंस शुल्क दो लाख रुपये तथा अन्य स्थानों पर एक लाख रुपये निर्धारित किया गया था। हालांकि, अपेक्षित रूप से निजी निवेशकर्ता आगे नहीं आए। अब कृषि विपणन एवं कृषि विदेश व्यापार विभाग अन्य राज्यों में निजी मंडियों की कार्यप्रणाली का अध्ययन करा रहा है, ताकि उत्तर प्रदेश में भी इस मॉडल को अधिक प्रभावी तरीके से लागू किया जा सके।