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Supreme Court
एएनएम न्यूज़, ब्यूरो : 100 दिन के काम के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने तृणमूल कांग्रेस को एक बड़ी राजनीतिक जीत दिलाई है। देश की सर्वोच्च अदालत ने केंद्र की याचिका खारिज करते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय के पिछले आदेश को बरकरार रखा है। नतीजतन, राज्य के लिए केंद्रीय धन प्राप्त करने का द्वार खुल गया है। राजनीतिक विश्लेषकों के एक वर्ग के अनुसार, यह फैसला 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले तृणमूल के लिए एक बड़ा हथियार है, जिसका राज्य की चुनावी राजनीति पर खासा असर पड़ सकता है।
इस फैसले के बाद मंगलवार को पंचायत मंत्री प्रदीप मजूमदार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने केंद्र पर राज्य के बकाया का विस्तृत ब्यौरा पेश किया। उन्होंने दावा किया कि 2022 से 2025 तक केंद्र को देय धनराशि लगभग 50,344 करोड़ रुपये है, और पिछला बकाया 6,919 करोड़ रुपये है। यानी कुल मिलाकर केंद्र पर 57,000 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है।
उस दिन मंत्री ने कहा, "एक केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल ने राज्य के 19 जिलों का दौरा किया था। उन्होंने कहा कि अतीत में 5.90 करोड़ रुपये की अनियमितताएँ हुई थीं। बाद में, हमारी समीक्षा में, हमें 2 करोड़ रुपये और मिले। यानी कुल 8 करोड़ रुपये, जो हेराफेरी हुआ है। लेकिन इस कारण से 50,000 करोड़ रुपये रोकना अनुचित है।"
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