स्मार्ट प्रीपेड मीटर के नाम पर बड़े घोटाले की तैयारी !

केंद्र सरकार द्वारा 18885 करोड़ अनुमोदित किया गया था, जबकि प्रदेश में यह टेंडर 27342 करोड़ में किया गया। ऐसे में 8500 करोड़ रुपया अतिरिक्त खर्च किया गया। इस मामले की भी सीबीआई से जांच कराई जाए।

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Jagganath Mondal
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एएनएम न्यूज़, ब्यूरो : राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने शुक्रवार को प्रदेश सरकार से मांग की है कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर मामले की सीबीआई अथवा अन्य उच्च स्तरीय एजेंसी से जांच कराई जाए। स्मार्ट प्रीपेड मीटर के नाम पर प्रदेश में बड़े घोटाले की तैयारी है।

जानकारी के मुताबिक परिषद अध्यक्ष ने कहा कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर के नाम पर उपभोक्ताओं पर जानबूझ कर बोझ डाला जा रहा है। महाराष्ट्र में सभी मॉड्यूल सहित उपभोक्ता से मीटर की कीमत सिर्फ 2610 रुपये ली जा रही है। जबकि उत्तर प्रदेश में 6016 रुपये लिया जा रहा है। स्मार्ट मीटर के लिए केंद्र सरकार द्वारा 18885 करोड़ अनुमोदित किया गया था, जबकि प्रदेश में यह टेंडर 27342 करोड़ में किया गया। ऐसे में 8500 करोड़ रुपया अतिरिक्त खर्च किया गया। इस मामले की भी सीबीआई से जांच कराई जाए।