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Malegaon blast case
स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में बहुप्रतीक्षित फैसला आज मुंबई के सिटी सिविल एवं सत्र न्यायालय स्थित एनआईए अदालत ने सुनाया। अदालत की टिप्पणियों के अनुसार: 1. अभियोजन पक्ष यह साबित करने में सफल रहा है कि विस्फोट मालेगांव में हुआ था। 2. अभियोजन पक्ष यह साबित करने में विफल रहा है कि जिस मोटरसाइकिल के विस्फोट में इस्तेमाल होने का दावा किया गया था, वह वास्तव में बम से भरी हुई थी। 3. अभियोजन पक्ष के अनुसार घायलों की संख्या 101 थी, जबकि अदालत के निष्कर्षों के अनुसार वास्तविक संख्या 95 थी। 4. अदालत को कुछ चिकित्सा प्रमाणपत्रों में "हेरफेर" या जालसाजी के प्रमाण मिले।
इस टिप्पणी के बाद अदालत ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया। संयोग से, साध्वी प्रज्ञा ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित और कई अन्य इस मामले में आरोपी थे। गौरतलब है कि इस फैसले के बाद देश भर में तीखी राजनीतिक प्रतिक्रिया शुरू हो गई है। एक ओर भाजपा इस फैसले को "न्याय की जीत" बता रही है, तो दूसरी ओर विपक्ष कह रहा है कि जाँच में लापरवाही के कारण दोषी बरी हो रहे हैं।
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