एएनएम न्यूज़, ब्यूरो : पंजाब के फिरोजपुर जिले का तारा वाली गांव भारत-पाकिस्तान सीमा के पास स्थित है। हाल ही में 'ऑपरेशन सिंदूर' चलाया गया जो कि इतिहास में सबसे बड़े सैन्य अभियानों में से एक। गांव के लोगों ने अपनी आंखों के सामने सेना की तैयारियां देखीं। खेतों में कतारों में खड़े सैनिक। इस भयावह स्थिति के केंद्र में 10 साल का एक बच्चा श्रवण सिंह, उसके पास न तो वर्दी है और न ही हाथ में कोई हथियार। लेकिन उसके पास असीम साहस है। भविष्य में भारतीय सेना में शामिल होने का सपना देखने वाले श्रवण ने युद्ध की तैयारियों को अपनी आंखों से देखा, लेकिन वह डरा नहीं। /anm-hindi/media/post_attachments/6f3be8d0-56e.jpg)
जानकारी के मुताबिक किसान सोना सिंह का बेटा श्रवण सिर्फ दूर से नहीं देखता रहा, वह सैनिकों की तरफ बढ़ता रहा। सिर्फ प्यार, भक्ति और दो छोटे हाथों से अपने जरिए वह हर दिन पानी, दूध, लस्सी और यहां तक कि बर्फ भी पहुंचाता रहा। चिलचिलाती धूप में जहां कई लोग डर से कांप रहे थे, वहीं श्रवण बार-बार दौड़कर सैनिकों को याद दिलाता रहा कि वे अकेले नहीं हैं।