manipur violence : केंद्र कब तक चुप रहेगा? क्या बीरेन होंगे बर्खास्त?
मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह कानून व्यवस्था को नियंत्रित करने में विफल रहे और केंद्र ने उन्हें बदलने या राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने से इनकार कर दिया, जिससे स्थिति हमेशा तनावपूर्ण बनी रही।
एएनएम न्यूज़, ब्यूरो : राष्ट्रीय शर्म के लिए किसे दोषी ठहराया जाए? मणिपुर (Manipur) में दो महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न की घटना होने का इंतजार किया जा रहा था। मुख्यमंत्री एन बीरेन (CM N Biren Singh) सिंह कानून व्यवस्था को नियंत्रित करने में विफल रहे और केंद्र ने उन्हें बदलने या राज्य में राष्ट्रपति शासन (presidential rule)लगाने से इनकार कर दिया, जिससे स्थिति हमेशा तनावपूर्ण बनी रही। मणिपुर के स्थानीय निवासियों के अनुसार, दोष पूरी तरह से केंद्र सरकार (Central government) और गृह मंत्रालय (home Ministry) का है। “CRPF, BSF और Assam Rifles क्या कर रहे हैं? हमें ऐसा मुख्यमंत्री नहीं चाहिए। वह असफल हो गया है। उन्हें बर्खास्त कर देना चाहिए,'' इंफाल में रहने वाले सत्तर के दशक के एक वरिष्ठ व्यक्ति एराबोथ ने कहा। उनके शब्दों को पूरे मणिपुर में अधिकांश लोगों ने स्वीकार किया। केंद्र और बीरेन सिंह ने स्थिति को बिगड़ने दिया है। क्या इसमें कभी सुधार होगा? केंद्र कब तक चुप रहेगा? वे मणिपुर के अक्षम मुख्यमंत्री को कब बर्खास्त करेंगे?