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Vegetable cultivation from sewage
एएनएम न्यूज़, ब्यूरो: नालों के गंदे और रासायनिक रूप से प्रदूषित पानी से सब्जी उगाए जाने के मामले में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा और न्यायमूर्ति विनय सराफ की युगलपीठ ने इस पर स्वत: संज्ञान लेते हुए इसे जनहित याचिका के रूप में सुनवाई के लिए स्वीकार किया। कोर्ट ने कलेक्टर समेत संबंधित विभागों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। अदालत ने स्पष्ट किया कि इस तरह की खेती जनता की सेहत से खिलवाड़ है और प्रशासन की लापरवाही चिंताजनक है।
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एक वरिष्ठ अधिवक्ता ने बताया कि शहर के कई नाले सीवेज, डिटर्जेंट और रसायनों से भरे होते हैं। ऐसे पानी में सोडियम कार्बोनेट, सोडियम लारेथ सल्फेट और एल्काइल बेंजीन सल्फोनेट जैसे तत्व पाए जाते हैं, जो मानव स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक हैं। इनसे हाइपरटेंशन, एलर्जी, त्वचा रोग, फेफड़ों की समस्याएं और यहां तक कि कैंसर का खतरा भी बढ़ सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार ऐसा पानी न केवल मिट्टी की उर्वरता खत्म करता है, बल्कि फसलों को भी जहरीला बना देता है।
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