स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: भारतीय सेना संभावित पीएल-15 सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल के अवशेष दिखा रही है, जो चीनी मूल की है और जिसका इस्तेमाल पाकिस्तान ने भारत पर आक्रमण के दौरान किया था, जिसमें कुछ तुर्की निर्मित गोला-बारूद भी शामिल है।
दिल्ली में विदेशी मामलों के विशेषज्ञ रविंदर सचदेव ने कहा, "ये युद्ध की संपत्तियां हैं। एक बार जब हम इन मलबे या टुकड़ों को बरामद कर लेंगे, तो हम पाकिस्तानियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले हथियारों में इस्तेमाल की गई चीनी तकनीक को अच्छी तरह से समझ पाएंगे। इसी तरह, हम तुर्की के सोंगर ड्रोन और अन्य ड्रोन को भी रिवर्स इंजीनियर कर पाएंगे और हम बेहतर तरीके से जान पाएंगे कि पाकिस्तान द्वारा इस्तेमाल किए गए चीनी ड्रोन या मिसाइलों में कौन से इलेक्ट्रॉनिक्स जैमर और कौन सी इंजीनियरिंग है। यह चीन के साथ भविष्य की स्थितियों में हमारे लिए मददगार होगा। इसलिए यह हमारे लिए सोने की तरह है।"