स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या के बयान ने राजनीतिक गलियारों में एक नई बहस छेड़ दी है। कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने कहा कि उन्होंने तेजस्वी सूर्या से मिलने के लिए हामी भर दी है और बातचीत का समय भी तय हो गया है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा, "उन्होंने समय माँगा है, मैंने कहा है कि हम मिलेंगे। अगर वह कोई सुझाव देते हैं, तो मैं उसका स्वागत करता हूँ। लेकिन मुझे भगवान के अलावा कोई नहीं रोक सकता।"
डी.के. शिवकुमार ने आगे कहा, "देश में एक कानून है, और आप मुंबई, दिल्ली और कई अन्य शहरों में सुरंगें देख सकते हैं। अगर वह कोई विकल्प भी सुझाते हैं, तो हम उस पर भी ध्यान देंगे।" उनके अनुसार, सरकार हमेशा रचनात्मक समाधानों के पक्ष में है, लेकिन विकास परियोजनाओं को रोकने के पक्ष में नहीं है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा, "तेजस्वी सूर्या एक सांसद हैं, उनकी ज़िम्मेदारी राज्य के विकास में मदद करना है। वह प्रधानमंत्री से वित्तीय आवंटन प्राप्त कर सकते हैं और परियोजना में मदद कर सकते हैं। अगर कोई अच्छा समाधान निकलता है, तो हम उस पर सार्वजनिक रूप से चर्चा करेंगे, बहस करेंगे।"
डी.के. शिवकुमार ने तेजस्वी सूर्या की टिप्पणियों का दिया जवाब
भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या के बयान ने राजनीतिक गलियारों में एक नई बहस छेड़ दी है। कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने कहा कि उन्होंने तेजस्वी सूर्या से मिलने के लिए हामी भर दी है और बातचीत का समय भी तय हो गया है।
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स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या के बयान ने राजनीतिक गलियारों में एक नई बहस छेड़ दी है। कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने कहा कि उन्होंने तेजस्वी सूर्या से मिलने के लिए हामी भर दी है और बातचीत का समय भी तय हो गया है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा, "उन्होंने समय माँगा है, मैंने कहा है कि हम मिलेंगे। अगर वह कोई सुझाव देते हैं, तो मैं उसका स्वागत करता हूँ। लेकिन मुझे भगवान के अलावा कोई नहीं रोक सकता।"
डी.के. शिवकुमार ने आगे कहा, "देश में एक कानून है, और आप मुंबई, दिल्ली और कई अन्य शहरों में सुरंगें देख सकते हैं। अगर वह कोई विकल्प भी सुझाते हैं, तो हम उस पर भी ध्यान देंगे।" उनके अनुसार, सरकार हमेशा रचनात्मक समाधानों के पक्ष में है, लेकिन विकास परियोजनाओं को रोकने के पक्ष में नहीं है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा, "तेजस्वी सूर्या एक सांसद हैं, उनकी ज़िम्मेदारी राज्य के विकास में मदद करना है। वह प्रधानमंत्री से वित्तीय आवंटन प्राप्त कर सकते हैं और परियोजना में मदद कर सकते हैं। अगर कोई अच्छा समाधान निकलता है, तो हम उस पर सार्वजनिक रूप से चर्चा करेंगे, बहस करेंगे।"