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Did CM know about the incident
एएनएम न्यूज़, ब्यूरो: क्या मणिपुर सरकार (Government) आरोपियों को बचाने और घटना को (Manipur violence) छुपाने की कोशिश कर रही थी? स्थानीय निवासियों और बुद्धिजीवियों की मानें तो मणिपुर पुलिस(Police) एफआईआर होने के पूरे दो महीने तक चुपचाप बैठी रही। यह घटना 4 मई को हुई और इसके तुरंत बाद एक पूर्व डीजीपी सहित कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के पास शिकायत दर्ज की गई, शियाकत में आरोप लगाया गया कि पुलिस और मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह (CM N. Biren Singh) को इस जघन्य अपराध और स्थिति से अवगत कराया गया था लेकिन मणिपुर पुलिस और मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह चुप रहे और आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। क्यों? हलाकि बीरेन सिंह प्रश्न का उत्तर देने के लिए उपलब्ध नहीं थे और इसके बजाय गुरुवार को जब इस घटना ने पूरे देश में तहलका मचा दिया तो वे बहुत आगे बढ़ गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जहां इस शर्मनाक कृत्य का जिक्र किया, वहीं मणिपुर के मुख्यमंत्री ने जिम्मेदारी नहीं ली। मणिपुर पुलिस भी असमंजस में है और कई अधिकारियों ने दावा किया है कि जूनियर पुलिस अधिकारी मौजूदा डीजीपी राजीव और सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह की बात नहीं सुन रहे हैं। मणिपुर के लोगों के अनुसार, कानून और व्यवस्था पूरी तरह से खराब हो जाने के बाद, एकमात्र रास्ता यही बचा है कि बीरेन सिंह को तुरंत हटा दिया जाए और राष्ट्रपति शासन लगाया जाए या किसी वरिष्ठ मंत्री को मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार सौंपा जाए।